लखनऊ. यूपी में बुलडोजर को लेकर सियासी जंग जारी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा की सरकार बनने पर बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ मोड़ने का बयान देने वाले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर बुधवार को तंज कसा और कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए ‘दिल और दिमाग’ की जरूरत होती है. अब अखिलेश यादव ने इस पर पलटवार किया है. अखिलेश ने कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है. उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, ‘जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता. स्टीयरिंग होता है. बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है. उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले (बीजेपी शीर्ष नेतृत्व) कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं.’
अखिलेश ने अपने एक ट्वीट में कहा, – https://x.com/yadavakhilesh/status/1831278052040421598

‘अगर आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोज़र’ चुनाव चिह्न लेकर चुनाव लड़ जाइए. आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी. वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही है. अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी.’
बुलडोजर नाइंसाफी का प्रतीक है : अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने कहा, ‘जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है, मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं.’

यादव ने सुप्रीम कोर्ट के रुख का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपको जानबूझकर जिनसे बदला लेना था, नीचा दिखाना था वहां अपनी सरकार की ताकत पर आपने जानबूझकर बुलडोजर चलाया. इसका परिणाम यह हुआ कि हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुप्रीम कोर्ट तक यह कहा जा सकता है कि बुलडोजर संवैधानिक नहीं है, असंवैधानिक चीज है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता तो क्या अभी तक जो बुलडोजर चल रहा था उसके लिए सरकार माफी मांगेगी?’