लखीमपुर खीरी— एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में सीओ पलिया की कारस्तानी में पुलिस टीम फंसती जा रही है। हाईकोर्ट ने संपूर्णानगर थाने की 16 अप्रैल की सीसीटीवी फुटेज तलब करने के साथ ही गिरफ्तारी टीम के सदस्यों की कॉल डिटेल लोकेशन हिस्ट्री के साथ तलब की थी। एसपी से वास्तविक तथ्य की जांच कराते हुए स्पष्टीकरण तलब किया था। अदालत ने मंगलवार को एसपी को पेश होने का आदेश दिया है।
16 अप्रैल को संपूर्णानगर के बरेली फार्म गदनिया निवासी बलजिंदर सिंह बिल्लू को पुराने मामले में लिखा पढ़ी करने की बात कहते हुए पुलिस घर से सुबह 8:15 बजे लेकर गई थी। बलजिंदर को ले जाने का वीडियो उसके ममेरे भाई ने रिकॉर्ड कर लिया था। बाद में पुलिस ने बलजिंदर के पास से एक किलो सौ ग्राम चरस की बरामदगी दिखाते हुए उसे जेल भेज दिया था।
पुलिस ने 16 अप्रैल को करीब 11 बजे पटेडा गुरुद्वारा वाले मोड़ से सीओ यदुवेंद्र यादव की मौजूदगी में गिरफ्तारी टीम के दरोगा साहब लाल के साथ उसे एक किलो सौ ग्राम चरस के साथ पकड़ने का दावा किया था। बलजिंदर सिंह के वकील ने अदालत में उसी दिन सुबह सवा आठ बजे पुलिस द्वारा उसे ले जाते हुए वीडियो क्लिप दाखिल की। तभी से पुलिस की तफ्तीश सवालों में घिरने लगी।
गिरफ्तारी करने वाले टीम के सदस्यों की कॉल डिटेल, लोकेशन व हिस्ट्री सहित 16 अप्रैल का संपूर्णानगर थाने का सीसीटीवी फुटेज सुबह 8:15 बजे से तीन बजे दोपहर तक का सुरक्षित रखने का आदेश एडीजे अनिल कुमार ने दिया था। इसके बाद पुलिस ने खुद को बचाने के लिए कोर्ट में आख्या पेश कर बताया कि घटना वाले दिन थाने की लाइट सुबह 3:30 से खराब थी, जो शाम 5:20 बजे ठीक हुई थी।

बिजली न होने के कारण कैमरे नहीं चल रहे थे। एसडीओ बिजली से लिखवाए गए पत्र को भी दाखिल किया था। कोर्ट में पेश हुए फुटेज जब चलाकर देखे गए तो तीन बजे दोपहर के फुटेज मिल गए। इसी पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने एसपी गणेश प्रसाद साहा से स्पष्टीकरण तलब किया था। इधर, कार्रवाई के डर से रविवार की देर रात एसपी ने दोनों उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया और इसकी रिपोर्ट सोमवार की सुबह अदालत में दाखिल की।