बाराबंकी – रेडक्रॉस सोसाइटी के तत्वावधान में देवा के मित्तई गांव में बालिका दिवस एवं महिला सम्मान समारोह व जरूरतमन्दों को कम्बल एवं हाइजेनिक किट वितरित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी रिजवान अहमद ने कहा कि हमारे देश की गौरवमयी परम्परा रही है, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्त निरामय की विरासत के साथ सभी धर्मों का सार इंसानियत की शिक्षा है, जिसे आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी हमारे युवाओं के कन्धों पर है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के राज्य प्रतिनिधि चाचा अमीर हैदर ने अपने गांव मित्तई में विरासत देखने को मिल रही है। उन्होंने ने आगे कहा कि आज कल अच्छे इंसान नही मिलते नही हैं, रेडक्रॉस जैसे संगठन के सेवा सहायता कार्यक्रम से जुड़कर अच्छे इंसान बन सकते हैं। पूर्व डीजीपी ने अमीर हैदर के योगदानों और उनकी दिवंगत बहू व बेगम की याद में किये जा रहे शिक्षा, सहायता के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमीर हैदर के प्रयास से गांव में पोस्ट ऑफिस, बैंक, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत सचिवालय, डॉ अम्बेडकर पार्क उपलब्ध है, गांव में किसी प्रकार की मुकदमेबाजी नही है। मेरा प्रयास होगा कि मित्ताई गांव में पुलिस चैकी की भी स्थापना करवाऊँ। विशिष्ट अतिथि विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश सिटीजन फोरम के चेयरमैन अरशद आजमी ने कहा कि चाचा अमीर हैदर की बेगम और बहू को ऊपर वाले ने अपने पास बुला लिया, उनकी याद में आज महिला दिवस के रूप में यह सहायता का कार्य किया जा रहा है। अमीर हैदर के मकान का हिस्सा गिरने और उसके नीचे अमीर हैदर जी की बेगम व बहू के दबने से इंतकाल होने के मंजर को बताते हुए कहा कि चाचा अमीर हैदर बहुत कष्ट झेला फिर भी हौसला नही छोड़ा। उन्होंने हौसले को सलाम करते हुए कहा कि हजारो साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है,बड़ी मुश्किल से होता दीदारे चमन में। इंकलाब के सम्पादक कलाम खान ने कहा कि मुझे खुशी है चाचा अमीर हैदर के प्रयास से मित्तई गांव सबसे पहले आदर्श गांव घोषित हुआ, उनका प्रयास यहां सार्थक रूप से देखने को मिल रहा है। इससे पूर्व अमीर हैदर ने अतिथियों का स्वागत किया और गांव विकास के लिए कई समस्याओं को उठाया और मांग किया कि हमारे गांव का आदर्श विकास हो। उन्होंने बताया कि गांव में लड़कियों की शिक्षा के लिए सवसे पहले पहल की थी, गांव में पढ़ाने के लिए टीचर नियुक्त कराया गया और पढ़ने के लिए गांव में लड़कियों का नाम लिखाया गया। इस मुहिम में हमारी बेगम साथ दे रही थी, उनकी याद में हम गांव के लिए जो कुछ कर सकते हैं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में कोई मुकदमा नही है। हमारी बेगम और बहू का एक दुर्घटना में निधन हो जाने के बाद हमारा हौसला टूट गया था। रेडक्रॉस के हौसले से मेरा हौसला बढ़ा है और आज हम अपनी बहू व बेगम की याद में शिक्षा के साथ ही लोगों की सहायता के कार्य कर रहे हैं। अमीर हैदर ने गांव की महत्वपूर्ण समस्याओं को इंगित किया और मुख्य अतिथि से मांग किया कि समस्याओं का निस्तारण कराने में मेरा सहयोग करें। जीजीआईसी देवा की प्रधानाचार्या डॉ सुविद्या वत्स ने कहा अमीर हैदर के प्रयासों की सराहना की और उनके द्वारा मनाए जा रहे महिला दिवस पर कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने कहा था कि देश की तरक्की का पैमाना महिलाओं और बच्चों के रहन सहन उनकी शिक्षा व आत्मनिर्भरता से आंकी जाती है, चाचा अमीर हैदर इसे चरितार्थ कर रहे हैं जिसका उदाहरण है उनकी पढ़ाई पूजा जैसे बालिकाएं आज फौजदारी की अधिवक्ता हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रेडक्रॉस के चेयरमैन शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि रेडक्रॉस का ध्येय पीड़ित मानवता की सहायता करना है, इस ध्येय के लिए हम और हमारे रेडक्रॉस के साथी सदैव तत्पर हैं। कार्यक्रम का संचालन रेडक्रॉस के वाइस चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता हुमायूँ नईम खान ने की और सभी के प्रति आभार भी व्यक्त किया। इससे पूर्व अतिथियों ने चाचा अमीर हैदर की बाग में खाली हिस्से में पौधरोपण किया। इस मौके पर पर शाहिस्ता अख्तर, अधिवक्ता पूजा मौर्य, डॉ सुविद्या वत्स सहित कई महिलाओं को सम्मानित किया गया। तथा 250 जरूरतमन्दों को कम्बल, हाइजेनिक किट व स्कूल के लिए पल्स ऑक्सिमिटर सहित जरूरत के सामान वितरित किये गए। इस मौके पर रेडक्रॉस की स्मारिका अतिथियों को भेंट की गई। समाजसेवी रत्नेश कुमार, अफजाल, शैलेश मौर्य, रेडक्रॉस कार्यालय सहायक बृजेश कुमार, राजकीय हाई स्कूल की प्रधानाचार्या दीपमाला सहित तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।