बाराबंकी – उत्तर प्रदेश सरकार अपराध नियंत्रण के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जनपद में टप्पेबाजों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है। इसी बीच नगर कोतवाली क्षेत्र से एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला के लाखों रुपये के जेवरात चोरी हो गए। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी मदद करने के बजाय उससे अभद्र व्यवहार किया और घंटों थाने में बैठाए रखा। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत मोहल्ला कानूनगोयान की निवासिनी महिला श्रीमती विमला पत्नी दिनेश कुमार बीती 01अप्रैल मंगलवार को अपने इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थीं। उन्होंने बताया कि जब वह कमरा नंबर-9 में डॉक्टर को दिखाने पहुंचीं, तो उनके बैग में जेवरात से भरा काला पर्स मौजूद था। वहां से उन्हें कमरा नंबर-13 जाने को कहा गया। लेकिन जब उन्होंने कमरा नंबर-13 में अपना बैग खोला, तो जेवर से भरा पर्स गायब था।महिला के अनुसार, उनके पर्स में सोने की तीन जंजीरें, कान के झुमके, छह अंगूठियां, एक चेन, ओम लॉकेट और चांदी की पायल समेत करीब 6 लाख रुपये के आभूषण थे। चोरी की सूचना तुरंत नगर कोतवाली पुलिस को दी गई। लेकिन पुलिस ने आरोपियों की तलाश करने की बजाय पीड़िता को ही परेशान ,।पीड़िता का आरोप है कि जब वह शिकायत दर्ज कराने नगर कोतवाली पहुंची, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे अभद्रता की। अपराधियों को पकड़ने के बजाय महिला को घंटों थाने में बैठाया गया और बेवजह सवाल-जवाब किए गए। आखिरकार, जब मामला पुलिस अधीक्षक (एसपी) तक पहुंचा, तब जाकर प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई। एसपी ने न्याय का आश्वासन दिया। लेकिन पुलिस की लापरवाही से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाती है और क्या पीड़िता को उसका खोया हुआ सामान वापस मिल पाता है या नहीं। नगर कोतवाली पुलिस के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये की जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में पीड़ितों को न्याय पाने के लिए दर-दर न भटकना पड़े।