जिला प्रशासन ने देर रात तक नहीं की पुष्टि, आईजी अयोध्या का भी नहीं उठा सीयूजी नंबर
हैदरगढ़, बाराबंकी – प्राप्त जानकारी के अनुसार हैदरगढ़ क्षेत्राधिकारी कार्यालय मे तैनात सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार पाण्डेय और चैकीदार रामकुमार एक मामले मे मुकदमा से नाम हटाने के नाम पर रिश्वत लेने की बात चल रही थी। जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन अयोध्या इकाई से की। जिसके बाद एंटी करप्शन टीम ने पूरा जाल बुना और गुरूवार को रंगेहाथ रिश्वत लेते दरोगा अशोक कुमार पांडेय और चैकीदार रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार इस मामले मे एंटी करप्शन टीम की तरफ से दोनों अभियुक्तों अशोक कुमार पांडेय और रामकुमार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। लेकिन मामले को लेकर पुलिस मीडिया वाट्सअप एकतरफा ग्रुप पर भी ना तो इस विषय में कोई जानकारी सुलभ हुई और न ही आईजी से जानकारी के प्रयास में उनके सीयूजी नंबर पर किया काॅल ही 4-5 बार रिंग के बाद भी उठा। जिसको लेकर पत्रकार प्रेस महासंघ की तरफ से ट्वीट कर भी जानकारी मांगी गई लेकिन रात्रि खबर लिखे जाने तक इस पर खामोशी ही छायी रही। जिससे कार्रवाई की पुष्टि नहीं हो पायी। बताते चलें कि जनपद में भ्रष्ट्राचार की बाजार किसकदर गर्म है और अधिकारी किसकदर बेअंदाज है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लेखपाल के खिलाफ एण्टीकरप्शन की काार्रवाई में लेखपालांे ने जांच दौरान न सिर्फ शिकायतकर्ता पर जानलेवा हमला कर प्रशासन की मिलीभगत से उल्टा केस बनाने का प्रयास किया बल्कि उस हमले में एण्टीकरप्शन के लोगों को भी चोट आने की बात वारयल हुई थी जिसपर पूरा अमला मामले को दबाने में जुटा रहा। जिसके पीछे जो मुख्य वजह है उसमें आवाम की मानें तो एक तरफ जहां यहां के जनप्रतिनिधि जनसेवकों की शिकायत को या तो मुख्यमंत्री तक पहुंचाते नहीं या फिर सब कुछ मिलीभगत में आमजनता पिस रही है और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रामराज्य के लिए जीजान से जुटे सीएम तक आल इस वैल का ही समाचार पहुंच पाता है। जिसमें वास्तविक तस्वीर किसी चुनाव में हार के बाद ही भाजपा के शीर्ष तक वास्तविकता पहुंच पाती है। एक तरफ से कहा जाए तो अर्से से जमे वरिष्ठ, माफिया नहीं तो मठाधीश की तरह सब कुछ मैनेज करने में ज्यादा पारंगत हो गए है बजाए जनहित करने के प्रयास के।