बाराबंकी – दुराचार पीड़िता का न्याय के लिए कोर्ट में पैवी करना मंहगा पड़ा। परिवार के अन्य सदस्यों से रूपरंग के सुंदर होने के चलते कामान्ध जेठ द्वारा 02 वर्ष पूर्व की गई हैवानियत पर जिला कोर्ट में दलित पीड़िता की पैरवी पर जब सजा की आशंका दुराचारियों को सताने लगी तो महिला व उसके पति को धमकी देने पर बात ना बनते देख हैवान हुए जेठ ने अन्य लोगों के साथ महिला को रास्ते से हटाने के प्रयास में रविवार अपराह्न महिला को घर में अकेली देख उससे हैवानियत की हदें पार करते हुए महिला के प्राइवेट पार्ट में डंडा तक डाल दिया हाथ तोड़ डाले और मरा जानकर वहां से फरार हो गए। मुकामी कोठी थाना पुलिस भी पल्ला झाड़ते नजर आयी तो गांव के एक दिव्यांग ने महिला को एम्बुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां महिला की हालत अभी भी नाजनक बनी हुई है। बताते चलें कि भ्रष्टाचार की गर्त में डूबते पुलिस प्रशासन एवं आवाम के चलते पूरा सिस्टम संवेदन संवेदनहीन हो चुका है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण 2 वर्ष पूर्व बलात्कार की शिकार महिला के साथ मामले में पैरवी करने को लेकर दुष्कर्मी जेठ एवं अन्य पारिवारिक जनों के साथ की गई हैवानियत में सामने आया तो लोग आवाक रह गए। मामले में मानवता को तार तार करने वाली बात उसे समय सामने आई जब दलित पीड़िता को घर में अकेली जान बलात्कार के आरोपी जेठ एवं अन्य पारिवारिक जनों ने न सिर्फ महिला को मामले की कोर्ट में पैरवी को लेकर लाठी डंडों से मारपीट कर न सिर्फ हाथ तोड़ दिया बल्कि महिला के निजी पार्ट में डंडा तक घुसेड दिया और महिला को मरी जानकार ही वह लोग वहां से भागे। इससे भी ज्यादा शर्मनाक पहलू या रहा की त्वरित सुरक्षा का दावे करने वाली रामराज की योगी पुलिस का 112 डायल भी मौके पर नहीं पहुंचा। गांव के एक विकलांग युवक ने एंबुलेंस को फोन कर मरणासन्न महिला को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जानकारी होने पर पीड़ित पति ने मामले को लेकर जब एसपी के यहां गुहार लगाई तो जिला अस्पताल पहुंची पुलिस ने वीडियो बनाकर पीड़ित परिवार के बताएं अनुसार महिला के परिवार को धमकी दी की महिला से मारपीट का मामला बताना। पीड़ित पति बाराबंकी मुख्यालय पर मजदूरी करके परिवार पालता है। उसकी गलती सिर्फ यह है कि उसकी पत्नी देखने में खूबसूरत है जिसके चलते 2 वर्ष पूर्व पीड़ित पति के ही भाई एवं अन्य लोगों ने घर में घुसकर महिला से बलात्कार किया था। जिसमें भी आरोपियों द्वारा खुलकर खर्च करने पर पीड़िता की सुनवाई सिफर रही थी।पूर्व में भी मामले में उच्चाधिकारियों कोर्ट में जाने के बाद की मामला दर्ज हो पाया था। कोर्ट में चल रहे मामले के चलते महिला एवं उसके पति को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। इससे भी शर्मनाक क्या होगा की कोठी पुलिस ने महिला द्वारा कोर्ट में मामला दर्ज करने पर दबाव बनाने की नीयत से पीड़ित महिला के नाबालिक भांजे को दुराचार के मामले में फर्जी आरोपी बना दिया था। मामले में पैरवी पीड़ित के गरीब होने के चलते ही नहीं हो पा रही है ना तो पुलिस सुन रही है और लोग भी महिला को ही आरोपित करते नजर आ रहे हैं। उपर से हद ये है कि रविवार अपराह्न की घटना में मरणासन्न महिला की हालत गंभीर बनी हुई है और पुलिस प्रशासन इतने गंभीर स्वयं सिद्ध वारदात भी आरोपियों को ही संरक्षण देती नजर आ रही है।