सुल्लतानपुर – खनऊ-बलिया राजमार्ग पर बांसगांव के पास शुक्रवार सुबह ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से टकरा गया। हादसे में ट्रक के अगले हिस्से में आग लग गई और चालक और मजदूर की मृत्यु हो गई।ट्रक में आगे की सीट पर बैठे दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। कोतवाली देहात के अहिमाने निवासी विश्वजीत मिश्रा (45) शुक्रवार सुबह ट्रक में सीमेंट लादकर सुल्तानपुर से कादीपुर की तरफ जा रहे थे। ट्रक में गांव के राम सजीवन (30), रामकुमार विश्वकर्मा (45) और गुड्डू (32) भी बैठे थे। लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर बांसगांव के पास ट्रक अनियंत्रित होकर आम के पेड़ से टकरा गया, जिससे उसमें आग लग गई। तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस व अग्निशमन विभाग को सूचना दी। ट्रक चालक विश्वजीत मिश्रा का शव स्टेयरिंग और मजदूर गुड्डू का शव डैशबोर्ड से चिपक गया था। स्थानीय लोगों ने ट्रक का गेट तोड़कर दोनों के शव निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में जेसीबी से ट्रक की बॉडी खींची गई, जिसके बाद दोनों शवों को बाहर निकाला जा सका। ट्रक में फंसे राम सजीवन और रामकुमार को गंभीर अवस्था में एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर भेजा गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमेंट लदे ट्रक को साइड से भारी वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसकी वजह से ट्रक अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गया। गोसाईंगंज थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर में चल रहा है। तहरीर मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा। जल्दी लौटने का वादा कर घर से निकले थे अहिमाने गांव निवासी विश्वजीत मिश्र लंबे समय से ट्रक चला रहे थे। ट्रक से लोडिंग अनलोडिंग कराने के लिए उन्होंने गांव के लोगों को काम पर रखा था। शुक्रवार को उनके साथ गांव के राम सजीवन, रामकुमार विश्वकर्मा और गुड्डू भी निकले थे। चारों लोग जल्दी लौटने का वादा करके घर से निकले थे, लेकिन कुछ घंटे बाद ही हादसे की खबर पहुंच गई। अनहोनी की आशंका में चारों परिवार सहम गए। विश्वजीत और गुड्डू की मौत का पता चला तो उनके घरवाले बिलख पड़े। मेडिकल काॅलेज में भर्ती रामकुमार और राम सजीवन के परिवारीजन के भी आंसू थम नहीं रहे थे। मृतक गुड्डू के घर पर पत्नी रोशनी के अलावा तीन साल की बेटी वैष्णवी है। माता को बिलखते देख व कुछ समझ नहीं पा रही थी। घर के लोग रोशनी को समझाने का प्रयास कर रहे थे। मृतक चालक विश्वजीत के परिवार में पत्नी राजकुमारी के अलावा बड़ी बेटी प्रतिज्ञा, बेटा प्रतीक व सूर्यांश हैं। सूर्यांश अभी मात्र छह वर्ष का है। घर पर लोगों की भीड़ और मां, भाई बहन को रोता देख वह कुछ समझ नहीं पा रहा था। वह कभी रोता तो कभी अपनी मां और भाई बहन के आंसू पोंछने लगता। दोनों के घर पर ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा रहा।