अमेठी – अमेठी के हारीमऊ गांव में बुधवार सुबह गांव के बाहर एक पेड़ पर मजदूर का शव फंदे से लटका मिला। मृतक की पहचान लक्ष्मण (20) के रूप में हुई है। लक्ष्मण मंगलवार देर शाम से लापता था। परिजनों ने रातभर उसकी तलाश की, लेकिन कोई पता नहीं चला। सुबह ग्रामीणों ने पेड़ पर शव देखा तो गांव में हड़कंप मच गया। श्रीराम के मुताबिक उनका बेटा लक्ष्मण मजदूरी करता था। मंगलवार को मजदूरी करने गया था। देर शाम तक वापस नहीं आया तो उनकी तलाश शुरू की गई। रात 10 बजे तक बेटे के फोन पर घंटी तो बजती रही लेकिन उठा नहीं। इसके बाद मोबाइल भी बंद बताने लगा। चिंता बढ़ी तो परिजनों ने तलाश शुरु की। बुधवार सुबह लक्ष्मण का शव गांव के पास एक बाग में पेड़ से लटका हुआ मिला। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि अभी तक परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों की पुष्टि की जाएगी। अगर कोई संदेह या तहरीर सामने आती है, तो कार्रवाई की जाएगी। घटना को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। 15 फीट ऊंचाई पर शर्ट से खुद को फांसी लगाना संभव नहीं लगता। इससे लोग इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या मान रहे हैं। पुलिस ने लक्ष्मण का मोबाइल कब्जे में ले लिया है और कॉल डिटेल्स व चैट्स की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि मोबाइल से इस मामले से जुड़े कई अहम तथ्य सामने आ सकते हैं। लक्ष्मण सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर था और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर थी। उसकी मेहनत से ही घर चलता था, छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई और खर्च पूरे होते थे। उसकी मौत ने परिवार की रीढ़ तोड़ दी। मां सीता का रो-रोकर बुरा हाल है। वे चीख-चीखकर बस एक ही बात कह रही हैं कि मेरा घर चलाने वाला चला गया, अब कौन देखेगा इस टूटे घर को। गांव की गलियों में मातम पसरा है, हर चेहरा गमगीन है। पिता श्रीराम खुद मजदूर हैं, लेकिन लक्ष्मण ही घर का सहारा था। बहन शांति की शादी हो चुकी है। छोटे भाई भरत, शत्रुघ्न और बहनें पारो व लाडो भाई के गम में बेसुध हैं।