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Homeउत्तर प्रदेशफैक्टरी में करंट लगने से कर्मचारी की मौत

फैक्टरी में करंट लगने से कर्मचारी की मौत

जगदीशपुर, अमेठी – औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्टरी में करंट की चपेट में आकर इन्हौना क्षेत्र के चिलौली गांव निवासी जूनियर सुपरवाइजर रमन तिवारी (38) की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के परिजन और रिश्तेदार आक्रोशित हो गए और सीएचसी में विरोध दर्ज कराया। मृतक के परिजनों ने कंपनी के एचआर प्रबंधक, सिक्योरिटी इंचार्ज और एक सहकर्मी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक के चाचा प्रवेश तिवारी ने बताया कि रविवार सुबह एचआर प्रबंधक सदानंद मिश्र व सिक्योरिटी इंचार्ज के बुलाने पर भतीजा ड्यूटी करने गया था। रमन का कार्य इलेक्ट्रीशियन का नहीं था, इसके बावजूद उसे जबरन बिजली सुधारने का काम दिया गया और सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए गए। घटना के बाद जब परिजनों ने रमन से संपर्क किया तो उसका फोन सहकर्मी राकेश यादव ने उठाया और उन्हें गुमराह करता रहा। रात में जब परिजन फैक्टरी पहुंचे तो काफी खोजबीन के बाद रमन का शव फैक्टरी की छत पर खुले तारों से चिपका मिला। सीएचसी में डॉक्टरों ने रमन को मृत घोषित कर दिया और बताया कि मौत काफी पहले हो चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि मौत के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने जानबूझकर जानकारी छुपाई। सीएचसी पहुंचे तिलोई ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि मुन्ना सिंह ने परिजनों को ढांढस बधाते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण इलेक्ट्रिक शॉक बताया गया है और यह भी संकेत मिला कि रमन की मौत पोस्टमार्टम से 24 घंटे पहले हो चुकी थी, जिससे परिजनों का आरोप और मजबूत होता है। रमन के भाई रोहित ने बताया कि रविवार को छुट्टी के बावजूद ओवरटाइम के लिए फोन कर बुलाया गया था। रमन फैक्ट्री में 15 वर्षों से कार्यरत थे, लेकिन कभी बिजली उपकरण से संबंधित कार्य नहीं किया।
थाना प्रभारी अभिनेष कुमार ने बताया कि मृतक के चाचा की तहरीर पर एचआर सदानंद मिश्र, सिक्योरिटी इंचार्ज क्रांति और सहकर्मी राकेश यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सोमवार देर शाम जब रमन का शव गांव पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी चंचल का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। चंचल ने बताया कि मैंने रविवार की छुट्टी होने की बात कहकर काम पर जाने से मना किया था, लेकिन ओवरटाइम की बात कहकर वे घर से चले गए थे। बड़ा बेटा अर्नव व छोटा बेटा शिवाय भी सदमे में दिखे। मां कमलेश कुमारी की तो बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। रोते हुए कहती कि अब मैं किसके सहारे जिऊंगी। पति की मौत के बाद बेटा रमन ही सहारा था जिसे आज भगवान ने छीन लिया।

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