भाजपा का चोला ओढ़े दबंगों पर वसूली, धोखाधड़ी व हत्या का मृतक के पिता व भाई ने लगाया आरोप
-संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटकते मिले व्यापारी के शव का मामला गर्माया
-मुकामी पुलिस पर भी दबंगों के बचाव में मृतक को मंद बुद्धि दिखाने व परिवार को धमकाने का लगाया आरोप
-राज्यमंत्री पर भी पीड़ित पक्ष ने मुख्य आरोपी मंडल उपाध्यक्ष दंबग व उसकी पत्नी को बचाने का लगाया आरोप
(संजय वर्मा ‘‘पंकज’’/पं.उमामहेश त्रिवेदी)
हैदरगढ़, बाराबंकी- एक तरफ पीएम मोदी से लेकर फायर ब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दबंगो, बदमाशों हत्यारों की सफाई अभियान में रामराज्य के स्वप्न को साकार करने के जुटे हैं। तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग भाजपा का चोला ओढ़कर पार्टी की जग हसांई कर रहे हैं जिनका एक मात्र कार्य ही सीधे साधे व्यापारियों को धमकाकर वसूली भाई के किरदार में जुटे हैं जिसमें मामला गर्माने पर व्यापारी की हत्या ही नहीं कर देते हैं वरन मुकामी पुलिस तक से सांठगांठ कर हत्या को आत्महत्या तक साबित करने के प्रयास में पीड़ित को ही फर्जी फंसाने का द्वारा मुकामी पुलिस प्रयास करने भी नहीं चूकते। जैसा जिला मुख्यालय एसपी से तीसरी-चैथी बार गुहार लगाने पहुंचे मृतक के भाई व अन्य रिश्तेदारों ने आरोप लगाते हुए बताया कि दबाव बनवाने के लिए उनके छोटे भाई को भी अगवा कर पुलिस के पास ही आरोपीगण ले गए थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद में कोई पहला मामला नहीं है गंभीर मामले में पीड़ित के लिए खतरा बने आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करने की जगह सीधे-सीधे मृतक रतनदीप गुप्ता के जनपद के थाना हैदरगढ़ अंतर्गत मोहल्ला पूरेमित्तई, थाना कोतवाली हैदरगढ़ निवासी अमरदीप गुप्ता व पिता अशोक कुमार गुप्ता पर मुख्य आरोपी का नाम हटाने के लिए दबाव बनाते हुए सिर्फ चैलेंज नहीं कर रही कि चाहे मुख्य मंत्री के पास चले जाओ कुछ नहीं होगा बल्कि मुख्यमंत्री के यहां शिकायत पर अग्रसारित नोटिस पर गलत जानकारी तक दे दी गई। मृतक के भाई ने एसपी कार्यालय पर मौजूद पत्रकारों से रूबरू करते हुए बताया कि हैदरगढ़ की प्रसिद्ध गुप्ता वस्त्रालय के मालिक उसके भाई रतनदीप की हत्या इसी वर्ष 22 जुलाई को उससे धमका कर वसूली कर रहे आधा दर्जन से अधिक लोगों द्वारा कराई गई। जिसमें उनके भाई का शव फंदे से लटकता मिला व जो पिछला दरवाजा अंदर से बंद था वो बाहर से बंद मिला। भाई की मौत के बाद यह भी जानकारी आई की आरोपी दबंगों ने मृतक भाई के नाम से एक लग्जरी वाहन भी लोन करा रखा था जिसपर भाई से लेकर पिता तक ना किसी को जानकारी थी और ना ही किसी ने कहीं लोन के कागजात पर दस्तखत ही किए थे और एक्सयूवी 300 भी आरोपियों के पास ही थी। जब मौत के बाद लोन की किस्त की सूचना आने पर परिवारीजनों को जानकारी हुई तो सब दंग रह गए। यही नही उस गाड़ी को आरोपियों से लेकर पीड़ित पक्ष को देने में भी मुकामी पुलिस पर 50 हजार रुपए सुविधा शुल्क भी वसूलने की बात मृतक के भाई ने मीडिया से बताई साथ ही मुख्य आरोपी विक्की पाण्डेय व उसकी पत्नी का नाम हटाने के लिए दबाव बनाने में भाजपा के राज्यमंत्री का नाम भी लेते हुए पीड़ित पक्ष ने बताया कि तीन-तीन बार एसपी, मुख्यमंत्री, के यहां गुहार लगाने के बावजूद भी आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं किया गया पुलिस उनके अच्छे खासे व्यवसायी भाई को मंदबुद्धि तक साबित करने में लगी है, दी गई तहरीर से पृथक मामला पुलिस ने दर्ज किया। लोन के प्रकरण पर भी कोई जांच ना करना व बचे दोनों भाईयों को भाई के पास भेजने की एलानिया धमकी तक की शिकायत पर पुलिस पर कार्रवाई की जगह उलटा पीड़ित को ही सुलह के लिए धमकाने का आरोप भला पीड़ित हवा में तो लगाएंगे नही?
मामले में एसपी के सीयूजी नंबर पर फोन करने पर पीआरओ द्वारा फोन उठाने पर मामले पर जानकारी मांगने पर पीआरओ ने जानकारी करने की बात बतायी जबकि मुख्य मंत्री के यहां से भी मामले में शिकायत पर गलत रिपोर्ट देने की शिकायत पीड़ित पक्ष करता नजर आ रहा है।
वहीं राज्यमंत्री सतीश शर्मा से जानकारी करने पर उनके पीआरओ प्रदीप ले बात होने पर पीआरओ ने दबंग की पैरवी से इंकार करते हुए कहा कि अगर कोई रिकार्डिंग या सबूत हो तो आरोप लगाएं। जबकि पीड़ित पक्ष का कहना है मुख्य आरोपी विक्की पाण्डेय खुलेआम कहता है कि जब तक राज्यमंत्री का हाथ उसके सर पर है पुलिस तो क्या कोई कुछ बिगाड़ नही सकता।
बात चाहे जो हो लेकिन भाजपा की छवि तो क्षेत्र मे धूमिल हो ही रही है और साथ ही एक व्यवसायी की 22 जुलाई से दो-दो दुकाने इन्हीं दबंगों के खौफ में बंद हैं। जिसपर मुख्य मंत्री को भी गलत जानकारी अगर पुलिस प्रशासन द्वारा देने का आरोप सच है तब तो लोग यही कहेंगे कि बाबा के राज में बिहार के लालू का आतंकी राज (भाजपाईयों अनुसार) कायम है।