बाराबंकी- भारतीय पासी यूनियन के पदाधिकारियों ने जनपद के युवा कांग्रेसी सासंद तनुज पुनिया को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महाराजा गंगा बक्स रावत के किले के संरक्षण की मांग को लेकर ज्ञापन देते हुए इसे संसद में उठाने का आग्रह किया। जिसपर सांसद तनुज पुनिया ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे इस अति महत्वपूर्ण बात को मुख्यमंत्री से लेकर दिल्ली सांसद तक पहुंचाएंगे।
बताते चले कि लगभग एक वर्ष पहले भारतीय पासी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजित राम पासी के आह्वाहन पर पासी समाज के दर्जनों संगठनों ने बाराबंकी जिले में आकर पासी समाज के महाराजा गंगा बक्स रावत के किले की मिट्टी कुछ लोग कर बेंच रहे थे और किला को खुर्द बुरद कर दिया था। जिस बाबत धरना प्रदर्शन कर रुकवाया और उक्त लोगों के ख़िलाफ क्षेत्रीय लेखपाल से तहरीर दिलाकर मुकदमा लिखवाया गथा और मांग की गई थी कि महाराजा गंगा बक्स रावत के किले की भूमि को जो बंजर में राजस्व प्रशासन द्वारा दर्ज कर दी गई है उसे पुनः महाराजा गंगा बक्स रावत जी के नाम से संरक्षित कर लिया जाए और पर्यटन स्थल भी घोषित किया जाए परंतु लगभग 1 साल बीत गए हैं शासन प्रशासन ने गया था। लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस प्रशासन ने इस गंभीर मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं किया है। जिसके चलते भारतीय पासी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के दल ने जनपद के लेकप्रिय तेजतर्रार सांसद तनुज पुनिया से भेंटकर समाज के दर्द से अवगत कराते हुए पुनः मांग पत्र देकर मांग की है कि समाज के महाराजा की भूमि को जिसे सरकार द्वारा अभिलेखों में बंजर किया गया है उसे महाराजा गंगा बक्स रावत के नाम गाटा संख्या 465,701,702 को, के नामे किया जाए।
बताते चलें इस प्रकरण को पूर्व सांसद श्री उपेन्द्र रावत से भी पासी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजित राम पासी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामदेव रावत ने लिखित में किले को लेकर बात किया था लेकिन समाज का होने के बावजूद ना तो उन्होने और ना ही उनके पूर्व की सांसद ने अपने रहते कोई भी कार्यवाही का आश्वासन तक ही दिया। अब तनुज पुनिया को भारतीय पासी यूनियन ने इस आशय से लिखित में मांग पत्र देकर मांग की है कि सांसद तनुज पुनिया समस्याओं को लेकर संसद में बेबाक बोलते हैं चाहे मेंथा किसानों के हक बात हो चाहे बाराबंकी लखनऊ के विकास की बात हो चाहे घाघरा के समीपस्थ बाढ से प्रभावित गांवों के लोगों की बात हो ।
वैसे तो भारत की आजादी की लड़ाई में सभी धर्मो और सभी जातियों का योगदान रहा है परन्तु सन 1850 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन का विगुल महाराजा गंगा बक्स रावत ने बाराबंकी से एल्डरटोन और उसकी 7000 हजार सैनिकों को मारकर शुरुआत किया था। उनकी वीरता पर पासी समाज आज भी नाज करता है और अपने समाज की धरोहर को बचाने के लिए ज्ञापन दिया है।
इस अवसर पर भारतीय पासी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजित राम पासी के साथ डॉ आसाराम पासी, डॉ सर्वजीत पासी श्रवण कुमार पासी, लालजी पासी, सुरेश रावत, तथा दर्जनों लोग मौजूद रहे।