बाराबंकी – योगी सरकार अवैध खनन पर रोक लगाने के तमाम प्रयास कर रही है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते प्रतिदिन कोतवाली रामसनेहीघाट के क्षेत्र सदवापुर इब्राहिमाबाद से जेठबनी होते हुए हैदरगढ़ रोड की ओर लगातार एक सप्ताह से मिट्टी खनन का कार्य ट्रैक्टर ट्राली द्वारा चल रहा है। जिस पर कोई विराम नहीं लग रहा है। कोठी क्षेत्र में तो नवागत डीएम के हस्तक्षेप पर लोगों की परेशानी का सबब बनी खनन गाड़ियों की कतारों पर अंकुश लगाया तो लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन सूत्रों की माने तो रामसनेहीघाट क्षेत्र में जारी भूमि खनन में उनकी रॉयल्टी तक नहीं जमा है और ना ही कोई परमिशन है। फिर भी दिन-रात 24 घंटे मिट्टी खनन का कार्य कोतवाली की चंद दूरी पर सरे आम चल रहा है। कोई अंकुश प्रशासन द्वारा नहीं लगाया जा रहा है तथा टनों मौरंग अवैध रूप से बेची जा रही है। खास बात यह है कि बिना नंबर के मौरंग लदे इन डंपरों पर एमएम-11 प्रपत्र भी नहीं होता है। ऐसे वाहन रात के आखिर पहर में भोर होने तक सड़कों पर देखे जा सकते हैं। जो एन एच 28 हैदरगढ़ रोड भिटरिया कानपुर बांदा बाईपास से आयोध्या गोरखपुर के लिये निकलते है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगाने के तमाम प्रयास किए हैं, लेकिन इस पर रोक नहीं लग पा रही है।बाराबंकी के रामसनेहीघाट में अवैध मौरंग की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। आधी रात के बाद बिना नंबर के डंपर जिले की सीमाओं पर देख जा सकते हैं। । इन डंपरों व 16 चक्का ट्रकों पर 35 टन लोड अनुमन्य ओवरलोड मौरंग लेकर जाता बिना नंबर का डंपर होता है। इसके बावजूद 50 से 70 टन मौरंग भर कर यह वाहन रामसनेहीघाटमें दौड़ रहे हैं। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश वाहनों की नंबर प्लेट ही गायब है। खनन संबंधी एमएम 11 प्रपत्र भी तमाम ऐसे वाहनों के पास नहीं होते हैं। इन वाहनों को देर रात तमाम मुख्य मार्गों पर देखा जा सकता है। बताते चलें कि जिले में मौरंग के अलावा बालू व मिट्टी 23 खनन भी जोरों पर है। इन खनन दी माफियाओं के हौसलें इतने बुलंद हैं क्षेत्र में कई स्थानों पर अवैध मौरंग मंडी का संचालन हो रहा है। भोर होते ही नगर सीमा के बाहर सड़कों पर ऐसे दर्जनों वाहन देखे जा सकते हैं। यदि जिम्मेदार सजगता से निरीक्षण करते तो अधिकांश के पास रायल्टी संव के वैध प्रपत्र भी नहीं मिलेंगे। फिलहाल जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते प्रतिमाह सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।