सतरिख, बाराबंकी – शासन ने गरीबों के हित में सार्वजिनक राशन वितरण प्रणाली की दुकानों पर ई-पास मशीन व कनेक्टेड इलेक्ट्रानिक कांटा उपलब्ध कराया है। शासन का निर्देश है कार्ड धारकों को इलेक्ट्रानिक कांटा में तौल कर राशन वितरण किया जाए। ताकि कार्ड धारकों को यूनिट के हिसाब से पूरा राशन मिल सके। लेकिन भारी भ्रष्टाचार की बह रही गंगा में जिम्मेदारों की मूक सहमति के चलते सरकार की तमाम कवायतों के बावजूद मनमाने कोटेदार खुलेआम शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोटे की दुकान में कम राशन तौल कर दिये जाने से नाराज कार्ड धारकों ने जमकर विरोध किया। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही। ग्रामीणों के बताए अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। विकासखंड हरख के ग्राम पंचायत चकसार में कोटेदार विजय बहादुर पर गंभीर आरोप लगे हैं। शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई ई-पास मशीन और इलेक्ट्रॉनिक कांटे का दुरुपयोग करते हुए कोटेदार राशन में घटतौली कर रहा है को लेकर शासन लेने पहुंचे कई लेगों ने मीडिया के कैमरे के आगे कोटेदार की पेल खोलकर रख दी। कार्डधारकों के अनुसार, कोटेदार ने ई-पास मशीन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर कोटेदार अपने ही टाट की बोरी में राशन तौलता है, फिर उसी राशन को कार्ड धारक की बोरी में पलट देता है जब कार्ड धारक दूसरे कांटे पर तौलते हैं तो 1-2 किलो राशन कम निकलता है। इसका विरोध करने पर कोटेदार अभद्र व्यवहार करता है और कार्डधारकों को धमकाता है। एक महिला कार्डधारक के साथ हुई घटना ने इस घोटाले की गंभीरता को उजागर किया है। जब महिला ने कोटेदार के टाट के बोरे में तौल का विरोध किया, तो उसने 2000 रुपये राशन ढुलाई की मांग की और कहा हमसे जादा कानून बाजी मत करो। महिला ने जब राशन लेने से इंकार किया तो कोटेदार ने उनका अंगूठा ई-पास मशीन पर लगवाकर राशन निकाल लिया व उन्हें दूसरी दुकान से राशन लेने को कहा। जब महिला दूसरी दुकान पर गई, तो पता चला कि उनका राशन पहले ही निकाल लिया गया है। ग्राम पंचायत चकसार के कई अन्य कार्डधारकों ने भी कोटेदार पर इसी तरह की घटतौली और दुर्व्यवहार से परेशान होने से ऐसे तमाम कार्ड धारक अन्य ग्राम पंचायत कोटे की दुकान पर राशन लेने को मजबूर हैं। शासन द्वारा गरीबों के हित में लागू की गई डिजिटल व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे कोटेदार विजय बहादुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
कार्ड धारकों का कहना है कि देखना यह होगा कि इस घटतौली व धोखाधड़ी पर शासन प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है?