हैदरगढ़, बाराबंकी – दूसरे की जमीन पर कब्जा या फिर सरकारी भूमि पर कुछ लोगों की अक्सर नजर होती है, कब पायें किसकी जमीन हथिया लें, ताजा मामला तहसील हैदरगढ़ क्षेपुत्र का है! जहाँ पर सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायत तहसील, उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक की गयी लेकिन शिकायतकर्ता को सिर्फ निराशा हाथ लगी! अंत मे शिकायतकर्ता को मुख्यमंत्री से शिकायत करनी पड़ी 7ध्4ध्2025 को मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की गयी, जिसमें मुरारी लाल गुप्ता पुत्र रामदुलारे गुप्ता निवासी रीठी सिकंदरपुर परगना सुबेहा तहसील हैदरगढ़ ने सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित मुरारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र मे बताया है कि प्रार्थी के घर के सामने स्थित गाटा संख्या 239 की 0.038 हे. बंजर भूमि पड़ी थी। जिस पर प्रार्थी वर्षों से घूर लगाने के लिये इस्तेमाल करता था। लेकिन उक्त गाँव निवासी गंगासागर पुत्र भगवंत द्विवेदी ने उस भूमि पर 4 महीने पहले जबरदस्ती कब्जा कर टमाटर और बैंगन धनिया की खेती करने लगे। जबकि विपक्षी का घर वहाँ से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। प्रार्थी ने जब विरोध किया तो प्रार्थी को उल्टा विपक्षीजन धमकाने लगे और जानमाल की धमकी देने लगे। शिकायतकर्ता मुरारी का कहना है कि इनके पास घर के सिवा और कोई भूमि नहीं है, न खेत है किसी तरह मजदूरी करके परिवार चलाता है। प्रार्थी का ये भी कहना है कि विपक्षीजन गांव की तीन सरकारी जमीनों पर पहले से कब्जा जमाये बैठे हैं जो बंजर, खलिहान के रूप मे दर्ज हैं।
मुरारी ने मुख्यमंत्री को लिखे शिकायती पत्र मे बताया कि मुरारी के पुत्र संतोष ने तहसीलदार, उपजिलाधिकारी और जिलाधिकारी से भी शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने उस पर संज्ञान नहीं लिया। अब देखना है कि शिकायत जब जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले सुबे के मुख्यमंत्री तक पहुंची है तो शिकायतकर्ता को न्याय मिल पायेगा या नहीं ये देखने वाली बात होगी।