मसौली, बाराबंकी – पंचायत भवन बड़ागांव मे क्षेत्र के 250 किसानो को सीएसआईआर-सीमैप के द्वारा हालीऑन प्रोजेक्ट के अंतर्गत सिम उन्नति पिपरमिंट की जड़ का वितरण किया गया तथा सिम उन्नति प्रजाति के उत्पादन के प्रति जागरूक किया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नूर मोहम्मद ने पिपरमिंट जड़ वितरण का शुभारम्भ करते हुए कहा कि पिपरमिंट की खेती किसानो के लिए वरदान है। जो रवि एव खरीफ की फसल के बींच मे बोनस फसल के रूप मे जानी जाती है। उन्होंने कहा कि किसान पिपरमिंट खेती के जरिये अपनी अन्य फसलों की तैयारी बेहतर रूप से कर लेते है, क्योकि पिपरमिंट की खेती नगदी फसल के रूप मे सहायक है। सिमैप से आये धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा मेन्था की एक नई प्रजाति विकसित की गयी है, जिससे एक हेक्टेयर में 190 किलोग्राम तक सुगंधित तेल प्राप्त किया जा सकता है। ‘सिम उन्नति’ नामक मेन्था की इस प्रजाति की फसल 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। इस प्रजाति से 75 प्रतिशत मेंथॉल और एक प्रतिशत से ज्यादा सुगंधित तेल प्राप्त किया जा सकता है, जो मेन्था की दूसरी प्रजातियों की अपेक्षा 15-20 प्रतिशत अधिक है। सिम उन्नति किस्म की खासियत बताते हुए मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि यह मेंथा की एक उन्नत किस्म है इसकी फसल 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है इसमें 5 प्रतिशत मेंथॉल और एक प्रतिशत से ज्यादा सुगंधित तेल निकलता है इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।
इस मौके पर सिमैप से आये अमरेंद्र सिंह अंकुल वर्मा ने सिम उन्नति प्रजाति पर चर्चा की।