हरियाणा के पलवल – शहर कानूनगोयान मोहल्ला में साधारण परिवार में जन्मे डॉक्टर राजेश कुमार मंगला जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में पार्थ नाम से भी जाना जाता है। इन दोनों उन्होंने श्री विश्वकर्मा स्केल यूनिवर्सिटी का कुलगीत नाम ( विकास हेतु कौशलम् ) लिखने के लिए हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल मान्य बंडारू दत्तात्रेय जी ने सम्मानित किया है। वर्तमान में वह अकेले एक ऐसे कवि और साहित्यकार हैं जिनकी दर्जनों पुस्तकें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हो चुकी हैं। जिन्हें कोलकाता में पूर्व में एशियाई प्रेस बुक द्वारा राष्ट्रीय साहित्यिक सामान से भी नवाजा गया है। पिछले वर्ष पंचकूला में भी डॉक्टर राजेश कुमार मंगला को हरियाणा के राज्यपाल और हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने साहित्य मैं योगदान के लिए साहित्य रत्न सम्मान से नवाजा है। इतना ही नहीं वर्तमान में उनके द्वारा लिखी गई अकादमी कोर्स पुस्तकें जैसे राइटिंग स्किल्स एंड आर्ट ऑफ़ रिटोरिक और कम्युनिकेशन मीडिएशन एंड रेजोल्यूशन और इफेक्टिव टेक्निकल कम्युनिकेशन जैसी पुस्तकें पलवल और फरीदाबाद के कॉलेजों में प्रमुखता के साथ पढ़ाई जा रही हैं।
उनकी अन्य कई पुस्तकें आने वाले समय में इसी कड़ी में हमें देखने को मिलेंगी। डॉ राजेश कुमार मंगला और उनकी पुस्तकों के बारे में गूगल पर भी जानकारी उपलब्ध है। जोकि आजकल शिक्षा एवं साहित्यिक क्षेत्र मैं एक नया मुकाम हासिल कर चुके हैं। जिन्हें धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के अलावा हरियाणा के राज्यपाल द्वारा अनेकों बार सम्मानित किया जा चुका है। वह पलवल हरियाणा के लिए गौरव का विषय है। आईए रूबरू कराते हैं डॉक्टर राजेश कुमार मंगला से जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में पार्थ के नाम से जाना जाता है।
रिपोर्ट – संतोष शर्मा