पलवल – में नव संवत्सर के पावन अवसर पर ऑक्सफोर्ड शिक्षा समिति के सौजन्य से अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जिला इकाई पलवल के तत्वाधान में वसंत विहार स्थित ऑक्सफोर्ड कॉन्वेंट स्कूल में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी पलवल अशोक बघेल थे वही कार्यक्रम के अंत में पलवल के विधायक एवं राज्य मंत्री गौरव गौतम मुख्य अतिथि के रूप में जैसे ही शरीक हुए तो वहां कार्यक्रम की शुरुआत के मुख्य अतिथि पलवल के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल अपना स्थान छोड़ साइड में हो गए वहीं शिक्षा अधिकारी और साहित्य परिषद् एवं शिक्षा क्षेत्र से सेवानिवृत्ति कार्यक्रम के आयोजक मंत्री की जी हजूरी में लग गए। खास बात यह रही की कार्यक्रम में मौजूद अधिकांश लोग यह सब कुछ उल्टा पल्टी का खेल देखकर देर रात्रि के समय कार्यक्रम छोड़ अपने-अपने घरों पर चले गए। मौजूद कई लोगों का कहना था कि साहित्य के क्षेत्र में राजनीतिक लोगों को इस तरह बुलाकर आयोजक कोई अपना विशेष मकसद हल करना चाहते हैं जब भी जहां कार्यक्रम आयोजित करते हैं वही राज्य मंत्री गौरव गौतम को बुलाते हैं। लेकिन वह ज़्यादातर अधिकांश कार्यक्रमों में सही और समय पर नहीं पहुंचते हैं। जहां क्षेत्र के अधिकांश बुद्धिजीवी एवं सामाजिक लोगों का थोड़े समय के अंतराल में उनसे विश्वास उठ गया है वहीं उनका उनसे मोह भंग हो गया है। अब देखना यह है कि राज्य मंत्री गौरव गौतम क्षेत्र के लोगों की नाराजगी दूर कर उनका विश्वास जीत पाएंगे या नहीं यह उनकी कार्यशैली एवं भविष्य पर निर्भर करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत प्रोफेसर (डॉ.एन.के. गर्ग ने की। मंच संचालन कवि कुबेर दत गौतम ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉं सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलन व पुश्पाचरन द्वारा किया गया। इस अवसर पर हिंदी के विद्वान साहित्यकार सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ.केशव देव शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में कवियों, विद्यालय समिति एवं श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। महेन्द्र गर्ग शास्त्री, डॉ.चन्द्र सैन शर्मा, हरीश शर्मा नायब तहसीलदार, सुशील गौतम, शक्ति पाल मंगला, यशपाल गर्ग, गुलशन गोयल, अनिल मोहन मंगला, शिव दयाल गौतम, शिक्षाविद् डॉ. बाबू लाल शर्मा, पंडित बृज भूषण ज्योतिशा चार्य, पंडित पशुपति नाथ मिश्र, विजय पटेल, सतीश भारद्वाज, राकेश भारद्वाज एवं विभिन्न पब्लिक विद्यालयों के संचालक विषेश रूप से उपस्थित थे। वही अलीगढ से पधारी कवयित्री गीता ‘गीत’ ने मॉं सरस्वती की वंदना की। साहित्य परिषद् के जिला अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद सिंगला ने सभी को नव संवत्सर की बधाई देतेे हुए, परिषद् की विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों का उल्लेख किया। बृज मंडल के पैगॉंव से पधारे शिक्षाविद एवं वरिष्ठ कवि गोविंद भारद्वाज ने भक्तिरस की गंगा प्रवाहित करते हुए कहा -‘अवध में लौटे हैं श्रीराम, मर्यादा पुरूषोत्तम दसरथ नंदन ललित ललाम।’ खांबी निवासी युवा कवि मोहित ‘मनोहर’ ने ओज की कविता प्रस्तुत करते हुए राष्ट्र वंदना की। युवा कवयित्री गीता ‘गीत’ ने भक्ति और श्रंगार रस का अदभुत संयोजन करते हुए कहा – ‘प्रेम में कोई अनुबंध चलता नहीं, प्रेम हरगिज किसी को भी छलता नहीं, प्रेम मंदिर में जलते दिए की तरह, इसके अंतस में अवरोध पलता नहीं।’ गुरू कुल इंद्रप्रस्थ से कवि धर्मेश ‘अविचल’ ने सामाजिक सरोकार, भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत रचनाएं प्रस्तुत करतेे हुए कहा -‘यज्ञ युद्ध को करो समन्वित, जीवन तभी सुसज्जित होगा, बिन प्रण रथ के हर पथ पर ही, प्राण तुम्हारा लज्जित होगा। स्थानीय शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ कवि कुबेर दत गौतम ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को परिभाशित करते हुए सस्वर गायन में कहा – ‘विष्व गुरू की महिमा वाला भारत देष हमारा है, इस पावन भूमि पर गूॅंजा वंदे मातरम् नारा है।’ कवियों की प्रसिद्ध नगरी हाथरस से पधारे हास्य-व्यंग्य के पुरोधा कवि सुनहरी लाल ‘तुरंत’ ने अपनी अनेको रचनाओं से श्रोताओं को लोट-पोट करते हुुए वाह-वाही लूटी – ‘बंद पैकिट का नया माल बदल देते हैं, लोग बनते ही बडे चाल बदल देते हैं, हम तो उनसे भी सनम चार कदम आगे हैं, साल होता नहीं ससुराल बदल देते हैं।’ कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि गौरव गौतम ने सभी को नव संवत्सर 2082 की शुभ कामनाएं देते हुए कार्यक्रम एवं साहित्य परिषद् की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए ऐसे सामाजिक एवं साहित्यिक आयोजनों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि निकट भविष्य में वह स्वयं भी सक्रिय रूप से सहभागी बनेंगे।
रिपोर्ट – संतोष शर्मा