देश के पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग में अटल विचार मंच राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. उन्होंने इस राजनीतिक पार्टी की सदस्यता का पहला फॉर्म भरा और पार्टी के पहले सदस्य बने. हजारीबाग के पुराने बीजेपी कार्यालय अटल भवन में अटल विचार मंच का दफ्तर खुला है. यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग में ऐलान किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

‘ईमानदार लोगों को पहली प्राथमिकता देगी पार्टी’–
पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि जो ईमानदार लोग होंगे, पार्टी उन्हें पहले प्राथमिकता देगी. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अटल विचार मंच कोई स्वयं सेवी संगठन या चंदा वसूलने की पार्टी नहीं है. यह पूर्ण रूप से राजनीतिक पार्टी रहेगी. उन्होंने सादे कार्यक्रम में अपने पार्टी की आधारशिला रखी है.

क्या पार्टी किसी दूसरे पार्टी से गठबंधन करेगी या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी ? इस सवाल पर सिन्हा ने कहा कि पहले सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना है. इसके बाद क्या स्वरूप बनता है इसे देखकर तैयारी की जाएगी. पार्टी के पहले कार्यक्रम में उनकी पत्नी नीलिमा सिन्हा समेत कई पुराने बीजेपी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
दो बैसाखी पर चल रही केंद्र सरकार—

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल मोदी सरकार की हो चुकी है. तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हो चुकी है. अमेरिका में दो बार से अधिक कोई प्रधानमंत्री नहीं बन सकता, लेकिन हमारे यहां कोई व्यवस्था नहीं है. वर्तमान सरकार पर उन्होंने कहा कि यह दो बैसाखी पर चल रही है और जिस दिन बैसाखी अलग हुई सरकार गिर जाएगी.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड फिर बिहार में चुनाव होंगे.अगर हरियाणा, जम्मू कश्मीर और झारखंड में भाजपा चुनाव हारती है तो इसका संदेश देश में क्या जाएगा. भारत सरकार पर सवाल उठेगा

अटल जी के सिद्धांतों से बीजेपी हुई दूर–
सिन्हा ने फेमस टीवी के साथ बातचीत में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत से भाजपा दूर होती जा रही है. इसे देखते हुए एक ऐसी पार्टी बनायी गई है जो अटल बिहारी वाजपेयी के पद चिन्हों पर आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से अब लोगों का विश्वास उठता जा रहा है. यही कारण है कि यह सरकार इस लोकसभा चुनाव में बहुमत का आंकड़ा भी पार कर नहीं पाई और 240 पर सिमट गई .

इस दौरान यशवंत सिन्हा ने कई ऐसे उदाहरण भी दिए जो अटल बिहारी वाजपेयी से संबंधित थे. उन्होंने कहा कि भाजपा का सिद्धांत अब अटल जी के विचारों से मेल नहीं खाता है. जिस तरह से कांग्रेस महात्मा गांधी को भूल रही है, उसी तरह भाजपा ने भी अटल बिहारी वाजपेयी को भुला दिया है. भारत रत्न देने से सिर्फ सम्मान नहीं मिलता।
यशवंत सिन्हा ने असम के मुख्यमंत्री पर बोला हमला–

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि वो माहौल खराब करने के लिए झारखंड में कैंप कर रहे हैं. झारखंड में दंगा होगा और इसका लाभ भारतीय जनता पार्टी उठा लेगी. ऐसे में यहां की सरकार को उन पर केस करना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी के पास हिंदू-मुस्लिम के अलावा कुछ भी नहीं है.वहीं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों से दूर होती जा रही है. जिसकी वजह से उन्होंने एक ऐसी पार्टी बनाई है जो अटल बिहारी वाजपेयी के पद चिन्हों पर चलेगी.