शामली – वर्तमान युग में समय की आवश्यकता को देखते हुए विद्यार्थियों के लिए वैज्ञानिक तकनीकी के विषय में जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि वैज्ञानिक उपकरणों को प्रत्यक्ष बनाकर छात्र आसानी से उसके कार्य को समझ जाते हैं और तकनीकी प्रशिक्षण के द्वारा ही विद्यार्थियों का मानसिक विकास किया जा सकता है। इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकी कार्य क्षेत्र में पारंगत बनाने के लिए तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन विद्यालय में समय-समय पर किया जाता है जिससे विद्यार्थी आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने तकनीकी ज्ञान में वृद्धि कर एक उज्जवल भविष्य के निर्माण की ओर अग्रसर रहे। उक्त उद्गार सेंट. आर. सी. कान्वेंट स्कूल में आयोजित तकनीकी कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर स्कूल के डायरेक्टर भारत संगल ने व्यक्त किए। तकनीकी कार्यशाला के द्वितीय दिन हरिद्वार की तकनीकी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मैनेजर इंजीनियर मनीष की आठ इंजीनियर की टीम इंजीनियर ऋषभ, इंजीनियर उत्कर्ष, इंजीनियर गरिमा, इंजीनियर दिव्या, इंजीनियर सुनील, इंजिनियर शिवम एवम् इंजीनियर वैभव ने कक्षा 6 के विद्यार्थियों को फोम शीट, बजर, इलेक्ट्रिक वायर, हुक, हुक बिग मैग्नेट, स्विच, वॉशर व बैटरी की सहायता से भूकंप अलार्म का वर्किंग मॉडल तैयार कराकर उसकी कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि हमारी धरती पर अक्सर तीव्र भूकंप आते रहते हैं। जो की विनाश का कारण बनते हैं भूकंप अलार्म भूकंप की P तरंग का पता लगाकर भूकंप गतिविधि की चेतावनी देने का कार्य करता है। जिसके कारण भूकंप आने का पता पहले ही चल जाता है। इसके अतिरिक्त इंजीनियर टीम ने कक्षा 7 के विद्यार्थियों को कार्डबोर्ड, ट्रे, बैटरी व बैटरी कनेक्टर, वायर, मोटर व मोटर हुक, वुडन स्टिक जार/गिलास, स्विच, गोल फोम शीट, सनपैक पीस व डबल साइडेड टेप की सहायता से मिक्सर ग्राइंडर का मॉडल तैयार कराकर मोटर की गति बल और घूर्णन की अवधारणा को समझाते हुए कहा कि मिक्सर ग्राइंडर एक ऐसी मशीन है जो उच्च गति मे घूमने वाले ब्लेड की सहायता से सामग्री को पीसने का कार्य करती है। इसका उपयोग ज्यादातर रसोई की सामग्री मसाले व दाल पीसना जूस बनाना और अन्य फूड प्रोसेसर के लिए किया जाता है। इसी श्रृंखला में इंजीनियर टीम ने कक्षा 8 के विद्यार्थियों को बिग फोम पीस, स्मॉल फोम पीस, बैटरी, बैटरी कनेक्टर वायर, प्रिटिड सर्किट बोर्ड, एल.डी.आर. ट्रांजिस्टर प्रीसेट, रेसिस्टर एल. डी. व डबल साइडेड टेप की सहायता से स्ट्रीट लाइट का वर्किंग मॉडल तैयार कराकर एलडीआर की कार्य प्रणाली को समझाते हुए कहा सड़कों पर जो लाइटे लगी रहती है उन्हें चालू व बंद करने का कार्य करता है। जिससे कि अनावश्यक लाइट प्रयोग से बचा जा सके। उक्त कार्यशाला का संचालन विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती उज्मा ज़ैदी जी के दिशा निर्देशन में किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए वर्किंग मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आधुनिक स्वचालित उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता एवं महत्वता को देखते हुए विद्यार्थियों में तकनीकी कौशल का विकास विद्यार्थी जीवन में अत्यंत आवश्यक है। जिससे कि वह पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकी कौशल में पारंगत बनकर एक स्वर्णिम भविष्य के निर्माण की ओर अग्रसर रहे।
- रिपोर्ट – अजीत कुमार श्रीवास्तव