एक ही नाम से दो रजिस्ट्रेशन नहीं — सोसाइटी एक्ट 1860 के तहत कार्यवाही की चेतावनी
मेरठ । पत्रकार संगठनों में नाम को लेकर चल रहे विवाद ने अब कानूनी रूप ले लिया है। पत्रकार प्रेस परिषद के नाम से पंजीकृत दो संस्थाओं के बीच उत्पन्न विवाद के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स मेरठ द्वारा एक संस्था को नोटिस जारी कर नाम परिवर्तन के निर्देश दिए गए हैं। यदि संस्था द्वारा 15 दिन में नाम परिवर्तन की कार्यवाही नहीं की जाती है तो रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।

विवाद की जड़:कानपुर नगर में वर्ष 2014 से रजिस्टर्ड “पत्रकार प्रेस परिषद” संस्था, जिसका रजिस्ट्रेशन संख्या 31/2014-15 है, के चेयरमैन श्री आरके मिश्रा ‘आज़ाद’ ने शिकायत दर्ज कराई है कि मेरठ से दिनांक 30 अगस्त 2024 को उसी नाम से दूसरी संस्था का पंजीकरण हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संस्था के प्रमुख श्री आसिफ अली पूर्व में उनकी संस्था से निष्कासित सदस्य रह चुके हैं, और अब गलत ढंग से उसी नाम का उपयोग कर रहे हैं।

शिकायत का आधार:आरके मिश्रा के अनुसार एक ही नाम से दो संस्थाओं का पंजीकरण नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पत्रकार प्रेस परिषद नाम का रजिस्ट्रेशन पूर्व से कानपुर में मौजूद है, और मेरठ से पंजीकरण करवाकर नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे पत्रकारों को भ्रमित करने की आशंका है।

दूसरी संस्था का पक्ष:श्री आसिफ अली की ओर से जवाब में कहा गया कि उन्होंने सभी दस्तावेज नियमानुसार प्रस्तुत किए थे और 30 अगस्त 2024 को प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता जानबूझकर झूठा आवेदन देकर कार्यवाही रुकवाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संस्था विभिन्न सरकारी मंत्रालयों से प्रमाणित है और उनका किसी अन्य संस्था से कोई संबंध नहीं है।

डिप्टी रजिस्ट्रार की कार्यवाही:दिनांक 5 अप्रैल 2025 को डिप्टी रजिस्ट्रार मेरठ द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक जाँच में यह पाया गया कि “पत्रकार प्रेस परिषद” नामक संस्था पहले से ही दिनांक 10 अप्रैल 2014 को कानपुर नगर से रजिस्टर्ड है। मेरठ से पंजीकृत संस्था द्वारा नाम परिवर्तन हेतु आवश्यक घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि ऐसा कोई नाम पूर्व में पंजीकृत नहीं है, जो गलत पाया गया।

आदेश का सार:डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा भेजे गए नोटिस में साफ कहा गया है कि यदि संस्था द्वारा 15 दिनों के भीतर संस्था के नाम परिवर्तन की कार्यवाही नहीं की जाती है तो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 की धारा 12 डी के अंतर्गत 2024 को कराए गए रजिस्ट्रेशन को निरस्त माना जाएगा और विधिवत निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी।

निष्कर्ष:यह मामला अब कानूनी प्रक्रिया में है और यदि मेरठ से पंजीकृत संस्था द्वारा निर्धारित समयसीमा में नाम परिवर्तन नहीं किया जाता है तो उसका पंजीकरण समाप्त हो सकता है।

पत्रकार संगठनों में इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं तेज हैं और सभी की नजरें डिप्टी रजिस्ट्रार की अंतिम कार्यवाही पर टिकी हैं।