कुंडली में भाव पाँच के कारकत्व
कुंडली के भाव पाँच से संबंधित विषय-
कुंडली में भाव पाँच के कारकत्वविद्या, बुद्धि, लेखनकला, मन्त्र-तन्त्र शास्त्र, पुत्र-पुत्री, विनय, नीति, व्यवस्था, देवभक्ति, पदच्युती, आकस्मिक धन-लाभ, यश, आगमन, स्नेह, पीड़ा, संतति, दत्तक संतति, मंगल कार्य, प्रसन्नता, शिल्प, कलात्मकता, आश्चर्यजनिक कार्य, मनोरंजन, मादक पदार्थ, उद्योग, व्यापारलाभ, स्टेटस, पद, प्रतिष्ठा, खेलों में निपुणता, प्रतियोगिता में सफलता, सट्टा, मातृधन, मातृलाभ, राज्यलाभ।
कारक ग्रह
पाँचवें भाव का कारक ग्रह गुरु है।
पाँचवें भाव से संबंधित अंग
हृदय, उदर, गर्भाशय, यकृत, मूत्रपिण्ड, वस्ति प्रदेश, पीठ।
पाँचवें भाव से संबंधित रोग
जठररोग, गर्भाशय के रोग, मूत्ररोग, पागलपन।
इस भाग में इतना ही।
हमारें वीडियो और पोस्ट में दी जानेवाली जानकारी को देखने और ड्राफ्ट को कॉपी पेस्ट करने के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल, ब्लॉग, फेसबुक, न्यूज वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं।
उनमें लिखें टेक्स्ट को कॉपी पेस्ट करके अपने लिए नोट्स बना सकते हैं।
यदि फिर भी कोई समस्या आ रही हैं तो वीडियो और पोस्ट में दी गयी मेल आईडी पर मेल करें या सोशल मीडिया पर मैसेज करें। हम यथासंभव सभी को जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
ज्योतिष संबंधी मेल आईडी- pmsastrology01@gmail.com
धर्मग्रंथ संबंधी मेल आईडी- dharmgranthpremi@gmail.com
आपका फोन आने पर हम बिजी रहेंगे तो बात नहीं हो पायेगी, इसलिए मेल आईडी पर ही अपने सवाल पूछे या सोशल मीडिया पर मैसेज करें।
हमें जब भी वक़्त मिलेगा रात-देर रात आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
हमारे कंटेंट को ढूंढने के लिए कुछ आसान कीवर्ड्स इस प्रकार हैं-
pm ke pen se brahma puran
pm ke pen se tarot card
pm ke pen se kundali jyotish
धन्यवाद!




