बाराबंकी- जनपद के युवा तेज तर्रार सांसद तनुज पुनिया के निजी क्षेत्रों के श्रमिकों की पेंशन की मांग को सत्ता के गलियारे में बुलन्द करने को लेकर जनपद ही नहीं देश भर के निजी क्षेत्रों के उद्योग धन्धों से जुड़े पेंशन भोगी सेवा निवृत्त कर्मचारियों ने जमकर तारीफ की है। इसके पूर्व संसद में ही मेंथा किसानों के दर्द को सरकार तक पहुंचाने पर स्वयं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बात का सज्ञान लेते हुए कांग्रेसी युवा सांसद की तारीफ की थी।
बता दें वर्ष 1995 में लागू निजी क्षेत्रों के श्रमिकों की पेंशन स्कीम मंहगाई को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा समान साबित हो रही है। लेकिन तमाम जनहित का ढिंढोरा पीट रही सरकार को कभी निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों मजदूरों का दर्द नहीं दिखाई दिखाई। किसानों की लाठी मजबूत दिखी तो वहां सहूलतों पर विमर्श हो रहा लेकर निजी क्षेत्रों के लोग ईपीएस95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) अर्से से संघर्ष कर रहे हैं। संगठन के जिलाध्यक्ष सतीश चन्द्र अग्निहोत्री तथा जिला सचिव नरेश कुमार राय ने स्थानीय सांसद तनुज पुनिया को पेंशन भोगियों की पीड़ा से अवगत कराते हुये देश के 28 राज्यों के 78 लाख पेंशनर की पीड़ा को चार सूत्री मांगपत्र के रुप में सौंपकर भारत सरकार के श्रम मंत्री मनसुख एल. मांडविया तथा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से वार्ता कर पेंशन भोगियों की समस्याओं के निदान का अनुरोध करते हुए न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 प्लस महंगाई भत्ता (कोशियारी समिति राज्यसभा पिटीशन 147) की सिफारिस के अनुसार 10 वर्षों में बढ़ी हुयी महंगाई को देखते हुये की है। दूसरी मांग पदाधिकारियों ने ईपीएस95 के पेंशन धारकों एवं उनके जीवन साथी को मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था की सुविधा दिलाये जाने की की है। तीसरी मांग पदाधिकारियों ने सभी पेंशन भोगियों को बिना किसी भेद भाव के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 4 अक्टूबर 2016 तथा 4 नवम्बर 2022 के निर्णय अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन लाभ की की गयी है तथा चैथी मांग गैर ईपीएस पेंशन भोगियों को 5000 रूपये मासिक पेंशन की गई।
सांसद को प्रेषित मांग पत्र में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जनपदीय अध्यक्ष तथा सचिव ने लिखा है कि, ईपीएस95 पेंशनरों को सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी एवं निजी संस्थानों में 30 से 35 वर्ष तक सेवा करने के पश्चात पेंशन फण्ड में शासकीय नियमानुसार प्रति माह 417 रूपये, 541 रूपये तथा 1250 रूपये का अंशदान करने के बावजूद भी औसतन मात्र 1170 रूपये मासिक पेंशन मिलती है इतनी अल्प पेंशन में कोई भी वृद्ध दम्पति कैसे अपना गुजारा कर सकता है वर्ष 2013 में कोशियारी समिति ने 3000 रूपया मासिक पेंशन एवं महंगाई भत्ता दियो जाने की सिफारिस की थी लेकिन 2014 में न्यूनतम पेंशन बिना महंगाई भत्ते के 1000 रूपया निर्घारित की गई। आज भी 36 लाख से अधिक पेंशनरों को 1000 से कम मासिक पेंशन मिलती है। स्थानीय सांसद तनुज पुनिया ने ईपीएस95 के पेंशनभोगियों की पीड़ा पर संज्ञान लेते हुए उन्हें आश्वासन दिया की इस गम्भीर मुद्दे पर वो हर तरह से वृद्ध पेंशनभोगियों के साथ हैं और उनकी इस पीड़ा को पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन में उठाकर और आपकी जायज मांगों को देश के श्रम मंत्री एवं वित्त मंत्री के संज्ञान में पूरी जिम्मेदारी से लाकर न्याय दिलाने की लड़ाई हर स्तर पर साथ देंगे।