कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. इसमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का भी नाम है. इसके अलावा, हावड़ा की कंपनी तारा ट्रेडर्स, कोलकाता की ईशान कैफ़े और एम/एस खामा लोहा का नाम भी शामिल है.
सीबीआई की टीम ने रविवार को आरजी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के घर छापेमारी की. आठ घंटे तक उनके घर का कोना कोना छान मारा. और जब सीबीआई के अधिकारी उनके घर से लौटने लगे, तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कुछ ठोस सबूत मिले हैं’, तो एक अधिकारी ने कहा, ‘बहुत कुछ है, प्रेस रिलीज में आप सभी को मिल जाएगा.’ ये भी पता चला है कि होटल बुक करके संदीप घोष पार्टियां करते थे. इसके लिए पैसा उनके करीबी देते थे.
ये एफआईआर भष्ट्राचार निरोधक अधनियम साजिश और धोखाधड़ी के तहत दर्ज की गई. इसकी शिकायत पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य और परिवार कल्याणा मंत्रालय के विशेष सचिव देवाल कुमार घोष ने की थी.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई की टीम रविवार सुबह करीब 6.45 बजे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पहुंच गई. कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. 2 घंटे इंतजार के बाद खुद संदीप घोष ने आकर गेट खोला.तब तक सीबीआई अधिकारियों ने बेलाघाट पुलिस को सूचना दे दी. उन्हें डर लगने लगा कि कहीं संदीप घोष ने कोई कांड तो नहीं कर दिया. संदीप घोष को गेट खोलने में इतनी देर क्यों लगी? सीबीआई इसका जवाब तलाश रही है. लेकिन जब टीम बाहर लौटी तो अफसरों के हाथ में काफी सामान था. जब उनसे पूछा गया कि क्या मिला, तो एक अधिकारी ने कहा, ‘इनमें बहुत कुछ है.’ लगभग 13 घंटे की पूछथाछ के बाद सीबीआई की टीम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर से निकली.
सीबीआई की टीम ने आरजी कर के अधीक्षक संजय वशिष्ट के एंटाली स्थित घर पर भी छापेमारी की. उन पर टेंडर में करप्शन और वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. आरजी कर के एनाटॉमी विभाग के डॉक्टर देबाशीष सोम के घर की भी तलाशी ली गई.ये डॉक्टर संदीप घोष के काफी करीबी थे. इस मामले में शिकायतकर्ता डॉक्टर अख्तर अली ने भी इस डॉक्टर के खिलाफ कई बार शिकायत की थी. देबाशीष सोम के घर की भी सीबीआई द्वारा तलाशी ली जा रही है.