Saturday, June 21, 2025
spot_img

28.7 C
Delhi
Saturday, June 21, 2025
spot_img

Homeउत्तर प्रदेशछात्रों की सामूहिक आवाज व दृढ़ता से आयोग ने वापस लिया निर्णय:...

छात्रों की सामूहिक आवाज व दृढ़ता से आयोग ने वापस लिया निर्णय: डाॅ पीएल पुनिया

बाराबंकी- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (यूपीएससी) 2024 के कार्यक्रम में संशोधन करते हुये इस परीक्षा को पूर्व की भांति एक दिन में कराने का निर्णय लिया है। सरकार का यह निर्णय छात्रों की एकजुटता और लोकतांत्रिक अधिकारों की ताकत को दर्शाता है। छात्रों की सामूहिक आवाज और दृढ़ता ने आयोग को अपने निर्णय को वापस लेने को मजबूर कर दिया छात्रों का यह संघर्ष शांतिपूर्णं विरोध की शक्ति और सामूहिक प्रयासों की सफलता का एक अनूठा उदाहरण है।
उक्त प्रतिक्रिया पूर्व सांसद डाॅ पी.एल. पुनिया ने आज उन सभी छात्रों को बधाई देते हुये व्यक्त की जिन्होने अपने अधिकारों के लिये खड़े होकर यूपीपीएससी द्वारा उसके फैसले को बदलवाने में महत्वपूर्णं भूमिका निभाई और पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा को एक दिन में कराये जाने का निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया।
पूर्व राज्यसभा सांसद डाॅ पी.एल. पुनिया पुनिया ने कहा कि छात्रों द्वारा ये अपनी जायज मांग को लेकर किया गया आन्दोलन पूर्णं रूप से गैर राजनीतिज्ञ रहा और इस संघर्ष में छात्रों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुये सरकार को झुकने के लिये मजबूर कर दिया। क्योंकि अभी कल तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कह रहा था कि, उसका फैसला नहीं बदलेगा लेकिन छात्रों द्वारा सत्य के लिये किये गये संघर्ष के आगे यूपीपीएससी को अपनी हठवादिता त्याग कर झुकना पड़ा। यूपीपीएससी द्वारा परीक्षा को एक दिन में कराने का निर्णय न केवल छात्रों के लिये है बल्की उन सभी लोगों के लिये प्रेरणा है जो लोकतांत्रिक अधिकारों में विश्वास रखते हैं।
पूर्व सांसद श्री पुनिया ने सभी संघर्षरत छात्रों को उनकी जीत पर बधाई देते हुये कहा कि, ये जीत आपकी एकता और आवाज की ताकत का प्रतीक है। आप सभी अपनी पढ़ाई को आत्मविश्वास के साथ जारी रक्खें आपने यह साबित कर दिया है कि, आपकी आवाज और एकता मे वो ताकत है जो किसी भी जालिम सरकार को झुकने पर मजबूर कर सकती है। यूपीपीएससी परीक्षा के कार्यक्रम में संशोधन याद दिलाता है कि, हर आवाज महत्वपूर्णं है और हर न्यायसंगत संघर्ष में बदलाव लाने की क्षमता होती हैं। कांग्रेस पार्टी सरकार और शैक्षिक संस्थानों से यह आग्रह करती है की वो भविष्य में किसी शैक्षिक नीति में बदलाव से पहले हठवादिता से काम न लेकर छात्रों के साथ संवाद करके अन्तिम निर्णय छात्र हित में उनका विश्वास लेकर करें।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Translate »
en_USEnglish
Powered by TranslatePress