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Homeव्यापार/ एजूकेशन/पैसासोना 1350 रुपये लुढ़का, चांदी में 5000 रुपये की भारी गिरावट

सोना 1350 रुपये लुढ़का, चांदी में 5000 रुपये की भारी गिरावट

Gold Price Today: सोना 1350 रुपये टूटकर 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. चांदी में भी 5,000 रुपये की भारी गिरावट देखी गई और यह 95,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई

सोने में 5 दिनों से जारी तेजी का रुख शुक्रवार को बदला नजर आया और सर्राफा बाजार की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली. दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 फीसदी प्योरिटी वाला सोना 1350 रुपये टूटकर 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. इससे पहले गुरुवार को यह 200 रुपये की बढ़त के साथ 94,350 रुपये के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. पांच दिनों की लगातार तेजी के बाद सोने की यह पहली बड़ी गिरावट है. वहीं, चांदी की कीमतों में भी 5,000 रुपये की भारी गिरावट देखी गई, जिससे यह 95,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. इस गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी को मुख्य कारण माना जा रहा है.

ग्लोबल मार्केट का हाल—

ग्लोबल मार्केट में भी सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई. स्पॉट गोल्ड 21.74 डॉलर या 0.70 फीसदी टूटकर 3,093.60 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि स्पॉट सिल्वर एशियाई बाजार में 1.69 फीसदी गिरकर 31.32 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया.

इस कारण लुढके सोने और चांदी के दाम–

एनालिस्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई टैरिफ पॉलिसी के लागू होने के बाद सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग (safe-haven demand) में गिरावट आई है. इस वजह से निवेशकों का पूरा फोकस इस वक्त ग्लोबल ट्रेड पॉलिसी और इकॉनमी पर है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ा है. अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा, “निवेशक अब ग्लोबल ट्रेड पॉलिसी और संभावित आर्थिक मंदी के इंपैक्ट पर गौर कर रहे हैं. इस वजह से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग में गिरावट आई है.”

यूएस फेड और बॉन्ड मार्केट के रुझान–

एनालिस्ट्स का मानना है कि निवेशकों का रुझान अब अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स की ओर बढ़ रहा है, जिससे बॉन्ड यील्ड 4 फीसदी से नीचे आ गई है. इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के चिंतन मेहता ने कहा, “अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी की वजह से ग्लोबल ट्रेड वॉर और तेज हो गया है, जिससे आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई है. निवेशक अब फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आने वाले बयान का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें वे ट्रंप की नीतियों पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.”

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