भूमाफियाओं के समक्ष नतमस्तक प्रशासन के चलते सीएम योगी के तमाम सख्त आदेश भी दरकिनार
-स्वीकृति मार्ग को ही ट्रैक्टर से भूमाफियाओं द्वारा जुतवाने की डीएम से शिकायत
-अब शिकायत भी डीएम के प्रतिनिधि सुनने लगे का फैशन कर रहा जनहित को स्वाहा
(संजय वर्मा ‘‘पंकज’’)
बाराबंकी- जनपद भर में सरकारी तंत्र में धर कर गया भारी भ्रष्टाचार में जिसकी लाठी उसकी भैंस सा जंगलराज चहुंओर नजर आ रहा है। किसी ने धन सुलभ करा दिया तो कोर्ट के स्टे में आरोपी को कब्जे के लिए जहां दुकान में घुसा स्टे को सरकारी तंत्र जहां अलग ढ़ंग से ही परिभाषित करने लगता है तो वहीं स्वीकृत मार्गों पर भी पूरे जनपद में कब्जों की भरमार है जिसमें पीड़ित दशकों से जिला प्रशासन से तहसील प्रशासन व सिविल कोर्ट के चक्कर काटकाट कर परेशान हैं तो आरोपी परसम्पत्ति का आनंद भ्रष्टाचार को मामूली रकम में पोषित करते उठा रहे हैं।
सामने आए मामले में तो रास्ता साफ-साफ दिख भी रहा है लेकिन दो दबंगों ने दिनदहाड़े ट्रैक्टर से पूरे रास्ते को ही जोत लिया तो पीड़ित क्षेत्रवासियों ने 100 डायल पुलिस से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के यहां भी गुहाल लगाते हुए अंत में डीएम के कार्यैलय पहुंच कर उनके यहा ज्ञापन देकर न्याय व सुरक्षा की गुहार लगाई है। वैसे बता दे जिस क्षेत्र का यह मामला है वहां का वास्तविक नक्शा तक एक दबंग भूमाफिया द्वारा फाड़ने का संदर्भ पूर्व तत्कालीन डीएम मिनिस्ती एस के समक्ष आया षा। जिसपर जांच करवाकर उन्होंने मीडिया के समक्ष कई अहम जमीनी दस्कावेजों के गायब व क्षतिग्रस्त होने की बात मीडिया को जारी विज्ञप्ति में स्वीकार भी की थी। लेकिन डेढ़ दो दशक बाद भी किसी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई ना होना भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
वैसे सामने आए मामले में ग्राम जगनेहटा सुरजा गेस्टहाउस से लगभग 100 मी० की दूरी पर उज्जवल नगर जगनेहटा में निवासियों ने लखपेडाबाग, लक्ष्मीबाई विद्यालय के निकट के निवासी पिन्टू व नवीन पुत्रगण पतिराम पर आजादी के पहले से कायम सार्वजनिक रास्ते जिसपर नगर पालिका परिषद ने बकायदा पानी की पाइपलाइन डाल रखी है दोनो तरफ बिजली के खम्बे लगे हैं दोपहर 12 बजे जबरन ट्रैक्टर से दुतवा डाला। लोगों ने अवरोध किया तो हिंसा पर उतारू होते हुए जान से मारने की घमकी तक दे दी। अब जब सरकारी दस्तावेजों में ही दो दशकों से त्रुटि भूमाफियाओं व राजस्व कर्मचारियों की मिली भगत में की हुई चली आ रही है तो भूमाफियाओं पर अंकुश कैसे लगेगा? एक बड़ा प्रश्न है।
वैसे तमाम भूअभिलेखों में हेराफेरी की शिकायत डीएम से जागरूक समाजसेवियों ने की जरूर। लेकिन सुधार की हितसाधन का रवैया देख रामराज्य में तमाम समाजसेवियों को गहरा आघात पहुंचा।