पलवल – जिले के होडल उपमंडल के गांव नगला मोहम्मदपुर गुलाबद में जन्मे लांस नायक शहीद दिनेश कुमार शर्मा भारत-पाकिस्तान की गोलाबारी के बीच जम्मू कश्मीर के पुंछ बॉर्डर पर देश की खातिर लड़ाई लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे।

उनके शोकाकुल परिवार को 2 दिन पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शहीद को श्रद्धांजलि एवं उनके परिवार को सांत्वना देने उनके गांव नगला मोहम्मदपुर अपने दलबल के साथ पहुंचे थे। उन्होंने शासन-प्रशासन की तरफ से शहीद परिवार एवं ग्राम वासियों की सहमति से जहां शहीद का दाह संस्कार हुआ था वही पर चिन्हित करीब पांच कनाल ग्राम पंचायत की जमीन मैं शहीदी पार्क एवं स्मारक स्थल बनना तह माना जा रहा था वही शहीद परिवार को सांत्वना देने के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी अपनी सहमति जताते हुए स्थानीय प्रशासन एवं मीडिया के समक्ष घोषणा की कि शहीद के गांव के सरकारी स्कूल को शहीद के नाम से किया जाएगा एवं उनके गांव नगला मोहम्मदपुर को बदलकर शहीद दिनेशपुर के नाम से करने की घोषणा की थी।
उसके बावजूद श्रद्धांजलि सभा होने से पूर्व शहीदी पार्क एवं स्मारक स्थल लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के करीबी कहे जाने शहीद गांव के ही कुछ व्यक्तियों द्वारा भारी विरोध चल रहा है। आपको बता दें कि उसी गांव के ही सरपंच और उनके पिता तथा एक-दो उनके साथी जो सभी एक ही पाठक परिवार से संबंध रखते है। वह भाजपा के भी छुटभैया नेता बताए जाते है।

जिनका शहीद परिवार के बीच ठीक तरह से तालमेल ना होने के कारण आजकल वह शहीद परिवार की अनदेखी कर मीडिया एवं शासन-प्रशासन को अपने मन मुताबिक गुमराह करके अपनी राजनीति चमकाते हुए अपने आप को भाजपा के कद्दावर नेता एवं गांव का सरपंच होने के नाते हरियाणा के मुख्यमंत्री को अपना करीबी बताते हुए शहीद परिवार को ऐलानियां धमकियां देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
वही जब हमारे चैनल की तरफ से शहीद परिवार को सांत्वना देने टीम पहुंची तो शहीद के पिता दयाचंद शर्मा एवं उनके परिजन उक्त लोगों के षड्यंत्र और ढर से इस तरह से सहमें हुए हैं कि वह बोलने से पूर्व अपनी-अपनी आंखों में आशु भर मन दुखी और भारी करते हुए आंसू भर लाते और बार-बार यही कहते की गांव का सरपंच उनके पिता और उनके पिता के अन्य एक दो मित्र जो एक ही पाठक परिवार से संबंध रखते हैं वह अपनी ऊंची पहुंच बताकर हमें ऐसी हालत में भी नाजायज तरीके से परेशान करने में लगे हुए हैं।
जब हमारी मीडिया टीम ने फोन पर संपर्क सादा तो फोन नहीं उठाया और उनके घर गए पता करवाया तो कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वही शहीद का पीड़ित परिवार शासन- प्रशासन से न्याय की उम्मीद टकटकी लगाए हुए देख रहे हैं। आईए सच्चाई जानते हैं हकीकत क्या है रूबरू कराते हैं शहीद के पिता एवं उनके परिजनों तथा ग्राम वासियों से जो हरियाणा के मुख्यमंत्री और शासन- प्रशासन एवं मीडिया से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। अब देखना यह है कि शहीद पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।।