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होमउत्तर प्रदेशसीबीजी प्लांट ने किसानों से पराली एकत्र करने की कार्यवाही

सीबीजी प्लांट ने किसानों से पराली एकत्र करने की कार्यवाही

बाराबंकी- जनपद में पराली प्रबन्धन के लिए रिलायन्स इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा नामित अधिकृत मेसर्स बायोफ्यूल सर्किल द्वारा तहसील सिरौलीगौसपुर के ग्राम सैदनपुर, तहसील रामनगर के ग्राम अशोकपुर चाचूसराय एवं तहसील हैदरगढ़ के ग्राम राजापुर में अपने कलेक्शन  सेन्टर स्थापित किये गये हैं जिसके माध्यम से आस-पास के 15 से 20 कि0मी0 क्षेत्र की पराली संग्रहित कराई जा रही है। अभी तक बायोफ्यूल सर्किल द्वारा सैदनपुर से 4000 मी0टन, अशोकपुर चाचूसराय से 8000 मी0टन एवं राजापुर से 1000 मी0टन पराली एकत्र करते हुये लगभग 4200 किसानों की पराली एकत्र की गई है, जबकि क्वालिटी बायोग्रीन द्वारा सूरतगंज रोड, फतेहपुर में कलेक्शन  सेन्टर स्थापित किया गया है जहां से लगभग 700 किसानों से अभी तक 2000 मी0टन पराली एकत्र की गई है।
इस प्रकार सी0बी0जी0 प्लांट के माध्यम से जनपद में लगभग 15000 मी0टन पराली एकत्र की जा चुकी है। इससे एक ओर जहां किसान की कटाई और जुताई का खर्च बच रहा है वहीं पराली का प्रबन्धन भी सुगमता से हो पा रहा है। इस सम्बन्ध में जनपद के कई किसानों से वार्ता की गई। विकास खण्ड हैदरगढ़ के ग्राम संसारा के किसान श्री रमेश  पाल पुत्र श्री राम खेलावन द्वारा बताया गया कि इससे खेत साफ-सुथरा होने के साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। उनके द्वारा अन्य किसानों से भी अपील की गई कि अपनी पराली कदापि न जलायें। विकास खण्ड हैदरगढ़ के ग्राम संसारा के ही प्रगतिशील किसान श्री मंशाराम पुत्र श्री मन्नूलाल द्वारा बताया गया कि सीबी0जी0 प्लांट के माध्यम से पराली की बेल बनने से खेत एक समान बराबर हो रहा है और आय भी प्राप्त हो रही है। खेत में कोई भी पुवाल डंठल न बचने से जुताई और बुवाई भी आसान हो जा रही है। तहसील सिरौली गौसपुर के ग्राम पीठापुर के किसान श्री विनय कुमार वर्मा पुत्र श्री बिन्द्रा प्रसाद, ग्राम परसा के किसान श्री अजय कुमार पुत्र श्री सालिकराम, ग्राम सिरौली के किसान श्री उमाकांत पुत्र श्री संत कुमार वर्मा द्वारा भी सी0बी0जी0 प्लांट के माध्यम से पराली संग्रहित किये जाने की सराहना की और बताया कि इससे बिना किसी लागत के हमारे खेत से ही समस्त पराली संग्रहित हो जा रही है और खेत भी साफ हो रहा है तथा इसकी उर्वरा शक्ति और नमी भी बनी रह रही है।
उक्त के अतिरिक्त जनपद बाराबंकी में विगत दिवसों में पराली जलने का अधिक घटनायें पाये जाने के दृश्टिगत कृषि  एवं राजस्व विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से क्षेत्र में भ्रमण कर पराली प्रबंधन का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, साथ ही किसान भाइयों से अपील की जा रही है कि कृपया पराली न जलायें क्योंकि इससे एक ओर जहां पर्यावरण प्रदूषित  होता हैं वहीं खेत की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है तथा खेत के सभी प्रकार के मित्र कीट भी नष्ट  हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त पराली जलाने पर 02 एकड़ तक 2500ध्- व 02 एकड से 05 एकड तक 5000ध्- तथा 05 एकड से अधिक पर 15000ध्- रू0 तक के जुर्माने का भी प्राविधान हैं।
अद्यतन तिथि तक परालीध्कूड़ा-करकट जलाने वाले  93 व्यक्तियों  पर रू0 250000ध्- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जा चुका है, जिसके सापेक्ष रू0 92500ध्- की वसूली भी करा ली गई है, जबकि बिना एस.एम.एस. के संचालित 10 कंबाइन मशीन को सीज किया गया है। इसके अतिरिक्त भारतीय न्याय संहिता की धारा  223, 270, 280  के अंतर्गत 13 व्यक्तियों श्री अखिलेश पुत्र श्री कीढ़ी, ग्राम असोहना, फतेहपुर, बाराबंकी, श्री संतराम पुत्र बाबूराम, ग्राम गंगौली, फतेहपुर,  राम नारायण पुत्र  हरीनाम, ग्राम धौसार,  फतेहपुर, बाराबंकी, श्रीमती मिथिलेश कुमारी पत्नी मैकूलाल, ग्राम तिलरन, कमलेश कुमार पुत्र अशर्फी लाल, वाजिदपुर, फतेहपुर, सुरेष पुत्र छंगा, ग्राम खैरातपुर, फतेहपुर, कमल पुत्र बिन्द्रा प्रसाद, ग्राम असोहना, फतेहपुर, एवं राम सरन पुत्र  गुरू प्रसाद, वाजिदुपर, फतेहपुर, राजेन्द्र प्रसाद पुत्र सरजू प्रसाद, ग्राम पोखई मजरे गुनौली, रामसनेहीघाट, श्रीमती रामावती पत्नी नवमी लाल, कोठी, सिद्धौर, श्रीकांत पुत्र महादेव, ग्राम सफीपुर, परगना-दरियाबाद, तहसील सिरौलीगौसपुर के साथ ही विकास खण्ड बनीकोडर के ग्राम मऊ गोरपुर, बाराबंकी के ग्राम प्रधान शिवगोविन्द वर्मा तथा  कम्बाइन मशीन संचालक बृजेश  कुमार वर्मा एवं देा अन्य अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है।  साथ ही दिनांक 11-11-24 को पराली जलाते पाये जाने पर सिरौली के ग्राम डूंडी के उमेश कुमार पुत्र सुन्दरलाल एवं विकास खंड हरख के ग्राम टिकरा मुर्तजा के मो० अरशद पर 5000- 5000 का अर्थदण्ड लगाया गया है।
अतः समस्त किसान भाइयों से अनुरोध कि अपने खेतों में पराली कदापि न जलायें बल्कि पराली प्रबन्धन के उपायों को अपनाकर अपने खेत की उर्वरा शक्ति बचाये रखने के साथ ही पर्यावरण को भी संरक्षित रखें।

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