बछरावां, रायबरेली – लखनऊ-रायबरेली रेलखंड के बछरावां रेलवे स्टेशन पर मंगलवार रात जमकर हंगामा हुआ। महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब काफी इंतजार के बाद स्पेशल ट्रेन आई और बोगियों के दरवाजे अंदर से बंद मिले। गेट न खुलने पर जमकर हंगामा किया। लोगों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर प्रदर्शन किया। ट्रेन पर पत्थर भी फेंके गए। खिड़कियों से डंडे बोगियों के अंदर डालकर पटके तो चीखपुकार मच गई। हंगामे में कई यात्री भी चोटिल हुए। हालात काबू में रखने के लिए रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस डटी रही। मंगलवार शाम गंगा गोमती एक्सप्रेस के जाने के बाद तीन स्पेशल ट्रेनें भी कुछ घंटों के अंतराल में आती रहीं। रात करीब 10 बजे संगम स्पेशल ट्रेन लखनऊ से भेजी गई। बछरावां स्टेशन पर ट्रेन रुकी, लेकिन पहले से सभी बोगियां फुल होने के कारण यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर रखे थे। प्रयागराज जाने के लिए लगभग चार हजार यात्री बछरावां स्टेशन पर खड़े थे, लेकिन ट्रेन में सवार होने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। गुस्साए श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया। लोको पायलट से ट्रेन न चलाने को कहते रहे। इस बीच भीड़ ने ट्रेन पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। लखनऊ के रहने वाले शंकर, मोहिनी सिंह, रूपरानी, महेश्वरी, कंचन समेत कई यात्री चोटिल भी हुए। आरपीएफ और जीआरपी ने सख्ती दिखाई। पहले रेलवे ट्रैक खाली कराया, फिर भीड़ को तितर-बितर कर ट्रेन चलवाई। हंगामे की वजह से चलते करीब आधे घंटे तक संगम स्पेशल ट्रेन बछरावां में खड़ी रही। लगभग रात 12 बजे और उसके बाद 2 बजे दो स्पेशल ट्रेनें फिर आईं। हंगामे के बीच इन ट्रेनों से सभी श्रद्धालुओं को रवाना किया गया तो माहौल शांत हुआ। कई घंटों के इंतजार और ट्रेन के आने पर सीट न मिलने से नाराज श्रद्धालुओं की टिकट के पैसे वापस करने की मांग को लेकर रेलवे कर्मचारियों से नोकझोंक भी हुई। स्टेशन अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि भीड़ अधिक होने से हंगामा हुआ। कई बार नोकझोंक भी हुई, लेकिन आरपीएफ और जीआरपी ने माहौल शांत कराया। स्पेशल ट्रेनों से सभी श्रद्धालु रवाना किए गए।