
कोलकाता पुलिस ने टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे को उनके ट्वीट के लिए समन किया है. पुलिस ने कहा है, “तीन दिन बाद खोजी कुत्ता भेजे जाने की सूचना पूरी तरह गलत है. खोजी कुत्ता दो बार भेजा गया, 9 तारीख को और फिर 12 तारीख को. सुखेंदु शेखर रे को धारा 35(1) बीएनएस के तहत एक नोटिस भेजा गया है.” पुलिस ने उन्हें शाम 4 बजे तक लालबाजार पुलिस स्टेशन आने को कहा है. सुखेंदु ने एक ट्वीट में कहा था कि घटना के तीन दिनों तक खोजी कुत्ते घटनास्थल पर नहीं भेजे गए थे.
रे ने ट्वीट में कहा, ‘सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए। पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है, ताकि पता चल सके कि आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई। हॉल की दीवार क्यों गिराई गई, किसने रॉय को इतना शक्तिशाली बनाया। 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया। ऐसे सैकड़ों सवाल हैं। उनसे बुलवाइए।’
पुलिस ने दावा किया कि रे ने तीन दिन बाद अपराध स्थल पर खोजी कुत्तों को तैनात किए जाने के बारे में गलत सूचना ट्वीट की थी। कोलकाता पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘यह सूचना कि खोजी कुत्ते को तीन दिन बाद भेजा गया, पूरी तरह से गलत है। खोजी कुत्ते को दो बार भेजा गया, 9 तारीख को और फिर 12 तारीख (अगस्त) को। सुखेंदु शेखर रे को बीएनएस की धारा 35(1) के तहत नोटिस भेजा गया है।’

सुखेंदु रे की टिप्पणी की उनकी पार्टी ने भी तीखी आलोचना की। तृणमूल कांग्रेस के साथी नेता कुणाल घोष ने उनकी टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं भी आरजी कर मामले में न्याय की मांग करता हूं। लेकिन सीपी के बारे में इस मांग का पुरजोर विरोध करता हूं। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। व्यक्तिगत रूप से सीपी अपना काम कर रहे थे और जांच सकारात्मक दिशा में थी। इस तरह की पोस्ट दुर्भाग्यपूर्ण है, वह भी मेरे वरिष्ठ नेता की तरफ से।’
मुझे अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला- लॉकेट चटर्जी–

पीड़िता की पहचान उजागर करने के आरोप में कोलकाता पुलिस के नोटिस को लेकर बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा, “मुझे अब तक कोई समन नहीं मिला है. कोलकाता पुलिस के पास और क्या काम है? पूरा देश और पूरा प्रदेश न्याय मांग रहा है. उन्हें जांच में सहयोग करना जरूरी नहीं लगता. यह एक रीढ़विहीन पुलिस है. उनका ध्यान केवल सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रित है. वे कितने लोगों को बुलाएंगे? क्या उनके पास करोड़ों लोगों को रखने की जगह है? हम सब वहां एक साथ जाएंगे. हमने देखा है कि उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए क्या किया है. उन्होंने 42 डॉक्टरों का भी तबादला कर दिया. हम पुलिस पर कैसे भरोसा करें? यह उसकी निजी शक्ति है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद भी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.”