जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF जवान की याचिका पर केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया, जिसमें जवान ने पाकिस्तानी महिला से शादी करने के कारण अपनी सेवा से बर्खास्तगी को चुनौती दी।
जस्टिस जावेद इकबाल वानी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए CRPF के महानिदेशक, 41 बटालियन (बैंगरसिया, भोपाल) और 72 बटालियन (सोडरा, सुंदरबनी, राजौरी) के कमांडेंट्स को नोटिस जारी किया और उनसे अगली सुनवाई की तारीख 30 जून 2025 तक अपना पक्ष रखने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह वर्ष 2017 में CRPF में शामिल हुए और छत्तीसगढ़, बिहार, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में सेवा दे चुके हैं। उन्हें 2 मई को बर्खास्त किया गया, जब यह सामने आया कि उन्होंने अपनी चचेरी बहन मेनल खान, जो कि पाकिस्तानी नागरिक हैं, से शादी की है।

यह बर्खास्तगी उस समय हुई जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई। उस हमले में 25 पर्यटकों और स्थानीय निवासी की मौत हो गई। इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा निलंबित कर दिए और इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंध भी घटा दिए।
याचिकाकर्ता की पत्नी को भी अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के साथ देश से निकाले जाने के लिए चिन्हित किया गया, लेकिन जवान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसकी वापसी पर रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने 14 मई तक के लिए उनकी पत्नी की देशनिकाला प्रक्रिया पर रोक लगा दी, जिसके बाद उसे अटारी बॉर्डर से वापस लाकर याचिकाकर्ता के घर भेजा गया। इस याचिका में जवान की सेवा समाप्ति को चुनौती दी गई और यह याचिका संविधान के तहत विवाह के अधिकार, प्रक्रिया की निष्पक्षता और सेवा नियमों के तहत राज्य की शक्ति की सीमाओं जैसे गंभीर सवाल उठाती है।
