तृतीय भाव के कारकत्व
भाव तीन के कारकत्व इस प्रकार हैं-
धन-धान्य, कुटुम्ब, मृत्यु, धातु, सम्पत्ति, रत्न, विद्या, सत्य-असत्य, क्रय-विक्रय, दानशीलता, वाणी, हठ, संगीत-प्रेम, सन्तति, आभूषण, सत्कार, भक्ति, पड़ोसी, आजीविका, लेन-देन, बन्धन, मारकत्व, छोटे भाई बहन, सहोदर, रिश्तेदार, पड़ोसी, पराक्रम, लघुयात्रा, नाड़ीतंत्र, लेखन, संपादन, बुद्धि।
तृतीय भाव का कारक ग्रह-
इस भाव का कारक ग्रह गुरु है।
तृतीय भाव से संबंधित अंग-
जिह्वा, नेत्र, कंठ, कर्ण, सौन्दर्य, कंधे, दाया हाथ, बाजू, कान।
तृतीय भाव से संबंधित रोग-
खाँसी, दमा, श्वसनरोग, क्षय, हाथ के रोग, कंधे के रोग, गुर्दे के रोग।
इस भाग में इतना ही।
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