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भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 140 से 142: Kidnaping और Abduction के उद्देश्य

भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने Indian Penal Code को प्रतिस्थापित किया है, में अपहरण (Kidnapping) और (Abduction) से संबंधित गंभीर अपराधों के लिए धारा 140 से 142 के अंतर्गत विस्तृत प्रावधान किए गए हैं। ये प्रावधान उन मामलों में लागू होते हैं जहाँ किसी व्यक्ति का अपहरण या अपहरण हत्या, गंभीर चोट, दासता, या किसी अन्य घृणित उद्देश्य के लिए किया जाता है। इन धाराओं में न केवल अपराधियों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है, बल्कि कुछ विशेष परिस्थितियों में मृत्युदंड (Death penalty) तक की सजा दी जा सकती है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 140 से 142 अपहरण और अपहरण के अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान करती हैं। इन धाराओं का उद्देश्य समाज में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है, विशेष रूप से उन मामलों में जहाँ Kidnaping और Abduction के पीछे हत्या, गंभीर चोट, या अन्य घृणित उद्देश्यों का इरादा होता है। इन प्रावधानों के माध्यम से, कानून अपराधियों को सख्त सजा देकर समाज को ऐसे खतरनाक अपराधों से बचाने का प्रयास करता है।

धारा 140(1): हत्या या हत्या के खतरे के लिए Kidnaping या Abduction —

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 140(1) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का अपहरण करता है या उसे अपहरण करता है, इस उद्देश्य से कि उस व्यक्ति की हत्या की जा सके या उसे ऐसी स्थिति में डाला जा सके जहाँ उसकी हत्या का खतरा हो, तो उसे आजीवन कारावास (life imprisonment) या कठोर कारावास (rigorous imprisonment) की सजा दी जाएगी, जो दस साल तक बढ़ सकती है। इसके साथ ही उसे जुर्माना (fine) भी भरना होगा।

उदाहरण: अगर A, Z नाम के व्यक्ति को भारत से अपहरण कर लेता है, यह जानते हुए कि Z को किसी मूर्ति की बलि (sacrifice) के लिए चढ़ाया जा सकता है, तो A ने धारा 140(1) के तहत अपराध किया है। इसी प्रकार, यदि A, B को जबरदस्ती उसके घर से दूर ले जाता है ताकि B की हत्या की जा सके, तो A ने भी इस धारा के तहत अपराध किया है।

धारा 140(2): Kidnaping या Abduction के बाद व्यक्ति को धमकाना

धारा 140(2) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी का अपहरण करता है, या अपहरण के बाद उसे बंधक बनाए रखता है, और उसे जान से मारने या चोट पहुँचाने की धमकी देता है, या ऐसा कोई काम करता है जिससे उस व्यक्ति की जान को खतरा हो, तो उसे मृत्युदंड (death penalty) या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी, और इसके साथ ही उसे जुर्माना भी भरना होगा। यह प्रावधान तब लागू होता है जब अपराधी सरकार, किसी विदेशी राज्य, या किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन से किसी कार्य को करवाने, किसी कार्य से रोकने, या फिरौती (ransom) की मांग करने के उद्देश्य से अपहरण करता है।

उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति का अपहरण करता है और उसे तब तक बंधक बनाए रखता है जब तक कि सरकार उसकी माँगें पूरी नहीं करती, तो यह धारा 140(2) के अंतर्गत आता है। अगर वह व्यक्ति अपहरण के दौरान उस बंधक को जान से मारने की धमकी देता है, तो उसे इस धारा के तहत मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।

धारा 140(3): गुप्त रूप से गलत तरीके से बंधक बनाने के उद्देश्य से अपहरण-

धारा 140(3) के अंतर्गत, अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का अपहरण करता है या अपहरण करता है, इस उद्देश्य से कि उसे गुप्त रूप से गलत तरीके से बंदी बनाया जा सके, तो उसे सात साल तक के कारावास की सजा दी जा सकती है, और इसके साथ ही उसे जुर्माना भी भरना होगा।

उदाहरण: यदि A, B नाम के व्यक्ति को गुप्त रूप से बंदी बनाने के लिए उसका अपहरण करता है और उसे एक ऐसे स्थान पर रखता है जहाँ उसे कोई ढूंढ न सके, तो A ने इस धारा के तहत अपराध किया है। A को इसके लिए सात साल तक की सजा हो सकती है।

धारा 140(4): गंभीर चोट, दासता, या अमानवीय इच्छाओं के लिए अपहरण-

धारा 140(4) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी का Kidnaping या Abduction करता है, इस उद्देश्य से कि उस व्यक्ति को गंभीर चोट (grievous hurt), दासता (slavery), या किसी अन्य व्यक्ति की अमानवीय इच्छाओं का शिकार बनाया जा सके, या वह यह जानते हुए ऐसा करता है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है, तो उसे दस साल तक की सजा दी जा सकती है, और इसके साथ ही उसे जुर्माना भी भरना होगा।

उदाहरण: यदि A, B नाम के व्यक्ति का अपहरण करता है ताकि उसे किसी अन्य व्यक्ति की अमानवीय इच्छाओं का शिकार बनाया जा सके, तो A ने धारा 140(4) के तहत अपराध किया है। A को इसके लिए दस साल तक की सजा हो सकती है।

धारा 141: नाबालिग लड़के या लड़की को भारत में लाना–

धारा 141 के अंतर्गत, अगर कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम उम्र की लड़की या 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के को भारत के बाहर से भारत में लाता है, इस उद्देश्य से कि उसे किसी के साथ अवैध संभोग (illicit intercourse) के लिए मजबूर किया जा सके, या यह जानते हुए कि ऐसा होने की संभावना है, तो उसे दस साल तक की सजा दी जा सकती है, और इसके साथ ही उसे जुर्माना भी भरना होगा।

उदाहरण: अगर A किसी 16 वर्षीय लड़की को भारत के बाहर से भारत लाता है, यह जानते हुए कि उसे किसी के साथ अवैध संभोग के लिए मजबूर किया जा सकता है, तो A ने धारा 141 के तहत अपराध किया है। A को इसके लिए दस साल तक की सजा हो सकती है।

धारा 142: Kidnaping या Abduction के बाद व्यक्ति को छुपाना–

धारा 142 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति यह जानते हुए कि किसी का अपहरण या अपहरण हुआ है, उस व्यक्ति को गलत तरीके से छुपाता है या बंधक बनाकर रखता है, तो उसे उसी तरह सजा दी जाएगी जैसे उसने खुद उस व्यक्ति का अपहरण या अपहरण किया हो और उसी उद्देश्य से उसे छुपाया या बंधक बनाया हो।

उदाहरण: अगर A को यह पता चलता है कि B का अपहरण हुआ है, और वह B को अपने घर में छुपा लेता है ताकि कोई उसे न ढूंढ सके, तो A ने धारा 142 के तहत अपराध किया है। A को उसी तरह सजा मिलेगी जैसे कि उसने खुद B का अपहरण किया हो।

पिछले प्रावधानों से संबंध

इन धाराओं से जुड़े प्रावधानों की चर्चा हमने लाइव लॉ हिंदी के पिछले पोस्ट में की है, जहाँ धारा 137 और 138 के अंतर्गत Kidnapping और Abduction के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है।

धारा 140 से 142 इन प्रावधानों को और आगे बढ़ाती हैं, विशेष रूप से उन मामलों में जहाँ अपहरण या अपहरण के पीछे हत्या, गंभीर चोट, दासता, या किसी अन्य घृणित उद्देश्य का इरादा होता है। ये धाराएँ अपहरण और अपहरण के गंभीर परिणामों को ध्यान में रखते हुए कठोर सजा का प्रावधान करती हैं।

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