सिद्धौर, बाराबंकी – नगर पंचायत सिद्धौर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई नजर आ रही है। प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाखों रुपये खर्च एम आर एफ सेंटर का निर्माण कराया गया था। जिससे नगर में निकलने वाले कूड़े की छंटाई और निस्तारण सुनियोजित ढंग से किया जा सके। लेकिन सफाई कर्मी इससे बिल्कुल उलट है। नगर के इस्लामिया स्कूल के पास तालाब किनारे कूड़े का विशाल ढेर नगर प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। यहां यह जानना जरूरी है कि नगर पंचायत में तीन दर्जन से अधिक सफाई कर्मियों की तैनाती है।जिनका दायित्व है कि वे अपने-अपने वार्ड में नियमित रूप से सफाई करें और निकले कूड़े को एम आर एफ सेंटर तक पहुंचाएं।सूत्रों की मानें तो सफाई कर्मचारी ना केवल अपने कर्तव्यों से विमुख हो रहे हैं। बल्कि कूड़ा एमआरएफ सेंटर तक ले जाने के बजाय सीधे इस्लामिया स्कूल के पास स्थित तालाब किनारे फेंक रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।बल्कि स्कूल के बच्चों और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।इस संबंध में अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि इस्लामिया स्कूल के पास स्थित तालाब को सुंदरीकरण परियोजना में शामिल किया गया है। जल्द ही वहां विकास कार्य शुरू किया जाएगा।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब नगर में सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी हैं,तो फिर गंदगी का साम्राज्य क्यों? सवाल यह भी है कि जब लाखों की लागत से एमआरएफ सेंटर बनाया गया,तो उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा?नगरवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस गंभीर लापरवाही की जांच कर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए, ताकि नगर में स्वच्छता अभियान केवल कागजों तक ही सीमित न रहे।