भारतीय वायु सेना पहली बार ऐसा हवाई अभ्यास कराने जा रही है, जिसमें भारत समेत 10 देशों की वायु सेना एक साथ आसमान में अपनी ताकत दिखाएगी। लड़ाकू विमानों के साथ सेना के जांबाज अपने देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। राजस्थान के सुलूर में छह अगस्त से भारतीय वायु सेना तरंग शक्ति हवाई अभ्यास का आयोजन करेगी। दो चरणों में होने वाले इस हवाई अभ्यास में आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस समेत कई देशों की वायु सेना भाग लेगी।

आपने जमीन पर दो देशों की सेनाओं के बीच अभ्यास के बारे में सुना होगा। जिसमें दोनों देशों की सेनाएं मिलकर युद्ध का अभ्यास करती हैं। इसके जरिये दो देश आपस में अपनी सुरक्षा और सैन्य तकनीकों को साझा करते हैं। मगर पहली बार अपने देश में ऐसा युद्ध अभ्यास होने जा रहा है, जो आसमान में होगा। भारतीय वायु सेना के तरंग शक्ति हवाई अभ्यास को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। वायु सेना ने हवाई अभ्यास में भाग लेने के लिए 51 देशों को न्योता भेजा था। वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि हमने रूस समेत 51 देशों को आमंत्रित किया था। मगर कई देश अपने आंतरिक संघर्ष के चलते इसमें भाग नहीं ले रहे हैं।
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि अभ्यास भारत की रक्षा शक्ति को भी प्रदर्शित करेगा और रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भरता के प्रति संकल्प को उजागर करना, आपसी विश्वास का निर्माण करना, एक-दूसरे से नई चीजें सीखना और स्वदेशी रक्षा शक्ति का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना पहले चरण में एक विमान के साथ भाग लेगी। ग्रुप कैप्टन आशीष डोगरा ने बताया कि हवाई अभ्यास दो चरणों में होगा। पहला चरण 6 अगस्त से 14 अगस्त तक सुलूर में होगा, जबकि दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में होगा। इसमें 10 देशों की वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमान के साथ भाग लेने की पुष्टि की है। जबकि 18 देश बतौर पर्यवेक्षक इसमें भाग लेंगे। अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया एफ-18, बांग्लादेश सी-130, फ्रांस राफेल, जर्मनी, स्पेन और यूके के टाइफून लड़ाकू विमान, ग्रीस एफ-16 और यूएसए ए-10, एफ-16, एफआरए के साथ भाग लेगा। वहीं भारतीय वायु सेना भी राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर, तेजस, मिग-29, प्रचंड और रुद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर, एएलएच ध्रुव, सी-130, आईएल-78 और एडब्ल्यूएसीएस के साथ अपनी हवाई ताकत दिखाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यास में सीडीएस और फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के वायु सेना प्रमुख भी शामिल होंगे।