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निप्पॉन का नया फंड ऑफर, Nifty 500 ईक्वल वेट इंडेक्स से जुड़ी देश की पहली स्कीम,

Nippon India Nifty 500 Equal Weight Index Fund NFO में सब्सक्रिप्शन 21 अगस्त को खुलकर 4 सितंबर को बंद होगा. क्या हैं इस फंड की खासियत? क्या इसमें करना चाहिए निवेश?

New Fund Offer : Nippon India Nifty 500 Equal Weight Index Fund : भारत की प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने एक नया फंड ऑफर (NFO) पेश किया है. इस नई स्कीम का नाम है निप्पॉन इंडिया निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स फंड (Nippon India Nifty 500 Equal Weight Index Fund). यह भारत का पहला फंड है जो निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स पर आधारित है. इस फंड में निफ्टी 500 इंडेक्स में शामिल हर कंपनी के शेयर को समान वेटेज दिया जाएगा, चाहे उसका मार्केट कैपिटलाइजेशन (मार्केट कैप) कुछ भी हो.

क्या है निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स?

निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स (Nifty 500 Equal Weight Index) ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ट्रेडीशनल निफ्टी 500 इंडेक्स (Nifty 500 Index) का ही एक विकल्प है. ट्रेडीशनल Nifty 500 Index में कंपनियों का वेटेज उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन पर निर्भर करता है, जबकि ईक्वल वेट इंडेक्स में हर कंपनी को समान वेटेज दिया जाता है, चाहे वह कंपनी मार्केट कैप के लिहाज से लार्ज कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप, किसी में भी आती हो. निवेश का यह तरीका, इनवेस्टमेंट के रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल का नया मोड़ दे सकता है. Nifty 500 Equal Weight Index को तिमाही आधार पर री-बैलेंस किया जाता है, ताकि हर स्टॉक का वेटेज बराबर बना रहे. यह रणनीति भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों और विषयों में डायवर्सिफिकेशन का मौका देती है और मार्केट-कैप-वेटेड इंडेक्स से जुड़े जोखिम को कम करती है.

इस फंड की खूबियां?

1. डायवर्सिफिकेशन (Diversification): निप्पॉन इंडिया निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स फंड (Nippon India Nifty 500 Equal Weight Index Fund) में निवेश करने से आपको 500 कंपनियों में निवेश का लाभ मिलता है, जिसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां शामिल हैं. इस डायवर्सिफिकेशन का बड़ा लाभ यह है कि किसी एक स्टॉक या सेक्टर में होने वाले उतार-चढ़ाव से आपके निवेश पर ज्यादा असर नहीं पड़ता, जिससे मार्केट से जुड़ा रिस्क कम हो जाता है.

2. समान वेटेज (Equal Weightage): ट्रेडीशनल इंडेक्स में कंपनियों का वेटेज उनके मार्केट कैप से तय होता है. इससे इंडेक्स में बड़ी कंपनियों का दबदबा हो जाता है. लेकिन समान वेटेज वाली रणनीति से मिड-कैप या स्मॉल-कैप शेयर्स में भी बराबर निवेश होता है. इससे ज्यादा ग्रोथ की संभावना रखने वाली छोटी कंपनियों के प्रदर्शन का फायदा मिलता है.

3. कम जोखिम (Reduced Risk): समान वेटेज की रणनीति अपनाने से, फंड मैनेजर के स्टॉक सेलेक्शन से जुड़े सब्जेक्टिव फैसलों के लिए जगह नहीं रहती. इससे भी रिस्क कम होता है और यह फंड ज्यादा स्थिर इनवेस्टमेंट ऑप्शन बन सकता है.

4. कम लागत (Low Cost): एक पैसिव इंडेक्स फंड होने के कारण, इसे मैनेज करना आमतौर पर सस्ता होता है. कम लागत की वजह से लंबी अवधि में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है.

किसे करना चाहिए इस फंड में निवेश ?

निप्पॉन इंडिया निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स फंड (Nippon India Nifty 500 Equal Weight Index Fund) उन निवेशकों के लिए बेहतर ऑप्शन है, जो पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन बढ़ाने और जोखिम कम करने के लिए शेयर बाजार के पूरे स्पेक्ट्रम में निवेश करना चाहते हैं. जैसा हमने पहले जिक्र किया, निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप, हर स्तर की कंपनियों को बराबर जगह दी जाती है, जबकि आमतौर पर ट्रेडीशनल इंडेक्स पर आधारित पोर्टफोलियो में छोटी कंपनियों को कम जगह मिल पाती है. साथ ही यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि इस फंड को ‘रिस्कोमीटर’ पर “वेरी हाई” कैटेगरी में रखा गया है. यानी इस स्कीम में निवेश करने वालों को बाजार से जुड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना होगा.

NFO में कैसे करें निवेश?

निप्पॉन इंडिया निफ्टी 500 ईक्वल वेट इंडेक्स फंड का न्यू फंड ऑफर (NFO) सब्सक्रिप्शन के लिए 21 अगस्त 2024 को खुलेगा और 4 सितंबर 2024 को बंद होगा. निवेशक कम से कम 1,000 रुपये के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. इस NFO में निवेशक डायरेक्ट और रेगुलर, दोनों प्लान्स के लिए सब्सक्राइब कर सकते हैं. इसके अलावा स्कीम में ग्रोथ और इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विथड्रॉल (Income Distribution cum Capital Withdrawal Plan) के ऑप्शन भी मौजूद हैं.

इस फंड का रिस्क प्रोफाइल ‘वेरी हाई’ है, क्योंकि इसमें मिड-कैप और स्मॉल कैप कंपनियों का एक्सपोजर काफी रहने वाला है. आमतौर पर इन्हें लार्ज कैप स्टॉक्स की तुलना में ज्यादा रिस्की निवेश माना जाता है. जाहिर है इस NFO में पैसे लगाने का फैसला करने से पहले निवेशकों को अपने रिस्क प्रोफाइल को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए. NFO के इस रिस्की नेचर के कारण, इसमें उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए, जो बाजार में शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त कर सकते हैं और जो काफी लंबी अवधि के लिए यानी कम से कम 7 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने को तैयार हैं. 

Disclaimer : म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर ले, किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए famousindiatv.in जिम्मेदार नहीं होंगे। 

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