रामसनेहीघाट, बाराबंकी – नेशनल हाईवे 27 अयोध्या लखनऊ कोटवा सड़क समीप चंद्रभानू गुप्त अस्पताल में इन दिनों मरीज को अंदर से दवा मुहैया नहीं हो पा रही है जहां पर अभी तक दवाइयां मिल रही थी परंतु इस समय दवाइयां मरीज को नहीं मिल रही है। सोमवार जब मौके का निरीक्षण किया गया तो कई मरीज ऐसे मिले जो दवाइयां बाहर से खरीदने के लिए मजबूर हैं। अधीक्षक संजय सिंह से जब जानकारी ली गई तो श्री सिंह ने बताया कि बिगत जनवरी में दवाइयां का टेंडर हुआ था। परंतु कुछ ऐसी खामियां पाई गई कि टेंडर निरस्त हो गया है। इसलिए अब उन दवाइयां को डायरेक्ट कंपनी से मंगवाने के लिए बातचीत चल रही है। बहुत जल्द ही अस्पताल में मरीज को दवाइयां उपलब्ध होगी। यहां पर जहां रुपए 10 का पर्चा बनता है। वहीं पर आंख का इलाज एवं आंख खुलवाने का कार्य बहुत ही नाम मात्र के शुल्क पर विगत कई वर्षों से प्रक्रिया चलती चली आ रही है। लेकिन वर्तमान में स्थितियां यह है कि जो भी आंख के चिकित्सा के कर्मचारी हैं उनके द्वारा मरीज को लखनऊ ले जाने के लिए प्रेरित किया जाता है। ताकि लखनऊ में जाकर प्राइवेट अस्पतालों में जांच करवाएं जहां इन लोगों का मोटा कमीशन तय होता है। वहां जांच के नाम पर भारी भरकम वसूली ही हो रही है। जब इस प्रकरण को श्री सिंह के समक्ष रखा गया। तो उन्होंने कहा ऐसा कुछ नहीं है। अगर कोई शिकायत मिलती है। तो उस पर आवश्यक उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। स्थिति यह है कि मरीज जो दूर से आते हैं, उनका उचित इलाज चंद्रभानू गुप्त अस्पताल में न होने से लोग मजबूर होकर चले आते हैं। साथ ही अपनी पीड़ा किसी भी व्यक्ति से नहीं कह पाते। ऐसे में सिंह द्वारा कहा गया है कि अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह सुदढ़ एवं व्यवस्थित होगी। इस पर नजर रखी जाएगी। दवाइयां का टेंडर जो निरस्त किया गया है। अब कंपनी से डायरेक्ट दवाइयां मगाने की बातचीत चल रही है। बहुत जल्द मरीजों को दवाइयां उपलब्ध होगी।