लखनऊ — उत्तर प्रदेश में हीमोफीलिया से जूझ रहे मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने मरीजों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
👉 फैक्टर इंजेक्शन की भारी कमी से जूझ रहे मरीज
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हीमोफीलिया मरीजों और सामाजिक संगठनों ने मंत्री जी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि बीते दो वर्षों से मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में फैक्टर 8, फैक्टर 9 और Feiba/rFVIIa जैसे जरूरी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण कई मरीजों को जानलेवा स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिनिधियों ने हाल ही में मेरठ और बागपत में फैक्टर की अनुपलब्धता के चलते दो बच्चों की मौत की दर्दनाक घटनाओं की भी जानकारी दी।
📞 मंत्री ने तत्काल डीजी हेल्थ को किया फोन–
मामले की गंभीरता को देखते हुए श्री ब्रजेश पाठक ने मौके पर ही डायरेक्टर जनरल मेडिकल को फोन कर निर्देश दिया,
“आपके पास हीमोफीलिया मरीज आए हैं, इनकी समस्या तुरंत सुनी जाए और समाधान किया जाए।”
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल की डीजी हेल्थ से मुलाकात कराई गई, जिसमें समाधान के ठोस आश्वासन दिए गए।
🏢 NHM और स्टेट नोडल ऑफिसर से भी हुई अहम बातचीत –
प्रतिनिधिमंडल ने आगे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के वरिष्ठ अधिकारियों से भेंट की और फिर स्टेट नोडल ऑफिसर श्री राजेश कश्यप से विस्तार से चर्चा की। सभी अधिकारियों ने समस्या के शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग:
राजन चौधरी – संस्थापक, I Dream Two Trust, मेरठ
विवेक सिंह, मोहित गुप्ता, नीरज – हीमोफीलिया सोसाइटी प्रयागराज
अनुराग दीक्षित, मनीष वर्मा – हीमोफीलिया सोसाइटी लखनऊ
शैलेश गुप्ता, सूरज, अमरनाथ – हीमोफीलिया सोसाइटी गोरखपुर
अशोक कुमार, धीरेन्द्र जायसवाल – हीमोफीलिया सोसाइटी आजमगढ़
📌 प्रमुख मांगें:
- फैक्टर इंजेक्शन की नियमित और पर्याप्त आपूर्ति
- इन्हीबिटर मरीजों के लिए विशेष फैक्टर की अनिवार्य उपलब्धता
- सभी जिलों में हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना
- राज्य स्तर पर हीमोफीलिया नीति का निर्माण
✅ सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार दुर्लभ बीमारियों के प्रति गंभीर है और जन स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हीमोफीलिया मरीजों को राहत दिलाने की यह कार्यवाही एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।