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आवास विकास में सजे माता वैष्णव के दरबार में कवि सम्मेलन का हुआ भव्य आयोजन

बाराबंकी- शारदीय नवरात्री में सोमवार देर रात्रि श्री दुर्गा पूजा समिति सेक्टर 5  बड़ा पार्क आवास विकास कॉलोनी में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन प्रसिद्ध कवि विनय शुक्ला के संचालन में आयोजित हुआ। बुधवार को बच्चो के लिए डांस, मेहँदी और फैशन शो का कार्यक्रम का आयोजन होगा।
जहां पर माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर मुख्य अतिथि प्रदीप जैन, समित के सदस्य रानू शर्मा के द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर माँ शारदे की वंदना के बाद सभी कवियों का समिति के सदस्यों व व्यापार मंडल के सदस्यों रविनन खजांची, मनीष निगम आदि ने सभी कवियों को अंग वस्त्र दे कर सम्मानित किया।  
दुर्गा पूजा के आमंत्रण पर आये विभिन्न कवियों ने अपना काव्य पाठ किया कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात वीररस के कवि विनय शुक्ला ने किया। जहा पर सूरज पंडित ने पढ़ा, सम्बन्धो को पार नहीं कर पाए है, अपनों संग व्यापार नहीं कर पाए हैं,दिव्यांशु अवस्थी ने बदलो की सदा बिजलियों ने कही, रात भर की व्यथा सिसकियों ने कही, रवि चतुर्वेदी ने न्याय न दे। जो विधि होने का क्या मतलब, सुख न दे जो निधि होने का क्या मतलब। पंकज पंडित ने सुनाया, ष्फूल हो गुलाब का तो सींचता सेव् रात, पेड़ हो बाबुल का तो छटना जरुरी है।
दीपक दनादन ने पढ़ा, हसी चेहरे पे आ जाये कही के पल नहीं मिलता, अपाहिज हुयी है आशाये कोई सम्बल नहीं मिलता।ष् धर्मराज कवि शायर नवम्बर जस मजा, जनवरी में पाइहौ, गद्दा जास मजा दरी माँ न पाइहौ, ठासके पिस्टल बुलेट से चलि हो,दरोगा जस मजा मास्टरी माँ न पाइह।  संचालक विनय शुक्ला ने लोगों की जमकर वाहवाही लूटते हुए सुनाया, ष्जो चाह रहे हो की समाज को कवि का दर्पण  दिखे नहीं,बस चरण वंदना कोई विरोद में लिखे नहीं कवि।ष्  ये  देर रात तक चला कवि समेल्लन का कार्यक्रम के समापन पश्चात समिति के लोगो ने आये हुए सभा श्रोताओ का धन्यवाद किया।

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